विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
मोदी जी जबसे दुनिया के नेता बने मानो विपक्षियों के लिए देश में नेतागीरी करने का मौका मिल गया। और भाजपा कार्यकर्ताओं से लेकर मंत्रिमंडल तक के सामने राहुल चालीसा के व्यंग्य बाण का पाठ सतत जारी रहा बजाय इसके की मोदी शाह जी की बनाई सत्ता को और मजबूत कैसे किया जाए और इसको बढ़ाया कैसे जाय। मोदी जी के नाम पर चुनाव लडना और जीतना जितना आसान बनता गया उतना ही कठिन बनता गया मोदी जी की मन की बात पर काबिज रहना और यही एकमात्र वजह हैं कि कर्नाटका में भाजपा हारी मोदी नही और ऐसा ही मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ से लेकर राजस्थान तक होगा क्योंकि वहां भी भाजपा हारेगी और मोदी जी जीतेंगे।
मध्य प्रदेश जैसा राज्य जहां के सिंगरौली के सरई थाने का एक सिपाही सदन यादव जो पिछले कई सालो से उसी थाने में चिपक कर बैठा हैं और दस बीस हजार का घूस खाकर उसका पर्चा अपने कप्तान पर फाड़ता हो और उसी थाने का थानाध्यक्ष एक विकलांग का हक बार बार गिड़गिड़ाने पर रिपोर्ट दर्ज करवाने पर भी न कोई कार्रवाई कर पाता हो और ज्ञान मामा शिवराज सिंह चौहान की रक्षा करने का बघारता हो वहां शिवराज सिंह चौहान के पांव धुलने की कवायद से लेकर तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का मुनाफा भला कैसे भाजपा को मिल पाएगा यह सोचने की बात हैं क्योंकि अब राज सत्ता में बैठी चुनी हुई सरकार का नही लठैत पुलिसकर्मी का वो भी घूसखोरी के लत वाले सदन यादव जी जैसे पुलिसकर्मी का हो तो राम जी जाने।
बहरहाल इस जीत हार के पीछे विपक्षी एका का नया नाम इंडिया कितना कारगर होगा यह तो सभी शामिल पार्टियों के चाल चरित्र चेहरे और उनके मुखारविंद से निकले भाषणों से तय होगा। अब सवाल यह हैं कि गठबंधन का नाम इंडिया रखने से क्या वोट पर भी असर पड़ेगा? तो एक बात तो साफ हैं कि पार्टी के नाम पर तो जरूर वोट का असर पड़ता है, लेकिन गठबंधन के नाम पर मुश्किल ही है कि कुछ वोट इधर-उधर हो। इसमें वोटर्स यही देखेगा कि कौन से गठबंधन में कौन सा दल है। अलग-अलग राज्यों के हिसाब से इसका असर देखने को मिलेगा। लेकिन इंडिया नाम रखने से विपक्ष को सबसे बड़ा फायदा यही होगा कि भाजपा उसका मजाक या तंज नहीं कस पाएगी। देश के नाम पर गठबंधन का नाम पड़ने से भाजपा के लिए ये बड़ी चुनौती होगी। भाजपा खुद को राष्ट्रवादी पार्टी कहती है। ऐसे में अगर इंडिया के नाम का कोई गलत मतलब भाजपा की तरफ से निकाला जाता है तो जनता के बीच इसका संदेश भी काफी गलत जाएगा।
इस बात की तारीफ तो करनी पड़ेगी कि विपक्षियों ने नाम बहुत सोच समझकर रखा है।अब भाजपा ना इस नाम की बखिया उधेड़ सकती हैं और न ही मजाक बना सकती हैं।इंडिया का पूरा नाम होगा- इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस। बैठक में शामिल विपक्षी दलों के कई नेताओं ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
अब सवाल उठता हैं कि पत्रकारिता को बंद कराने का नायाब तरीका पुलिस का को सिंगरौली में खोजा गया है और बाकी राज्यों में भी चल रहा है कही उससे न मोदी जी हार जाय क्योंकि वैसे तो मोदी और भाजपा को हराने का इंतजाम इंडिया के बैनर तले विपक्षी देख रहे है जो आज की जमीनी हकीकत में दिवास्वप्न सरीखा है पर राज्यो में तो हार का हार ही मिलेगा।
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