पिता के प्यार की मिसाल : शिव शंकर साहू ने साइकिल को बना दिया बाइक, बेटे की ख्वाहिश पूरी करने का अनोखा तरीका :
अरूप सामल
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
कटक । जब संसाधन सीमित हों लेकिन जज़्बा असीम हो, तब कुछ ऐसा ही कर दिखाते हैं लोग जैसे कि शिव शंकर साहू ने किया। कटक शहर के राजेन्द्र नगर इलाके से आई इस दिल को छू लेने वाली खबर ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पिता का प्यार किसी भी कीमत से परे होता है।
शिव शंकर साहू एक साधारण व्यक्ति हैं। उनका बेटा एक बाइक की ख्वाहिश रखता था, मगर साहू जी की आर्थिक स्थिति बाइक खरीदने की अनुमति नहीं देती थी। लेकिन एक पिता भला अपने बेटे की मासूम चाहत को कैसे नजरअंदाज़ कर सकता है ।
यहीं से शुरू हुई एक अनोखी यात्रा—एक साइकिल को बाइक जैसा बनाने की यात्रा । दो महीनों तक दिन-रात की मेहनत, जुनून और प्यार से शिव शंकर साहू ने अपनी साधारण साइकिल को इस तरह से मॉडिफाई किया कि वह बिल्कुल असली मोटरसाइकिल जैसी दिखने लगी। इस रचना में उन्होंने करीब ₹20,000 का खर्च और अनगिनत घंटे लगाए ।
सबसे रोचक बात यह रही कि इस 'साइकिल-बाइक' को देखकर पुलिसकर्मी भी भ्रमित हो गए। कई बार उन्हें हेलमेट चेकिंग के दौरान रोका गया, लेकिन जब हकीकत सामने आई कि यह एक साइकिल है, तो पुलिसकर्मी भी मुस्कुरा उठे और साहू जी के प्रयास की सराहना करते हुए उन्हें सम्मानपूर्वक जाने दिया।
यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं, बल्कि एक सच्ची मिसाल है—बिना किसी दिखावे के, बिना किसी उम्मीद के, सिर्फ और सिर्फ बेटे की खुशी के लिए की गई एक पिता की ईमानदार कोशिश।
शिव शंकर साहू का यह जज़्बा और उनकी रचनात्मकता आज के समाज के लिए प्रेरणा है। यह घटना हमें यह सिखाती है कि प्यार और लगन से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है, भले ही जेब खाली हो — अगर दिल भरा हो।
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