थलसेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने द्रास में कारगिल विजय दिवस समारोह में वीर शहीदों को दी श्रद्धांजलि, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को बताया निर्णायक विजय
विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
द्रास (लद्दाख).थलसेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आज कारगिल युद्ध स्मारक, द्रास में आयोजित **26वें कारगिल विजय दिवस समारोह** में शिरकत करते हुए भारत के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और राष्ट्र को उनकी बलिदान भावना की याद दिलाई।
अपने चौथे लगातार दौरे में, जिसमें वे पहले नॉर्दर्न आर्मी कमांडर और अब थलसेनाध्यक्ष के रूप में उपस्थित रहे, जनरल द्विवेदी ने इस ऐतिहासिक भूमि पर खड़े होकर कहा,
> "यह केवल एक सैन्य आयोजन नहीं, अपितु पूरे राष्ट्र का पर्व है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि देश की सीमाओं के भीतर किसी भी कुटिल मंशा को भारत कभी स्वीकार नहीं करेगा।"
जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन विजय (1999) के बलिदान को नमन करते हुए हाल ही में भारतीय सेना द्वारा किए गए **‘ऑपरेशन सिंदूर’** की सफलता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि
> "ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाक-समर्थित आतंकवादी ढांचे को सटीकता से निशाना बनाया और बिना किसी नागरिक हानि के 9 उच्च-मूल्य आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर निर्णायक संदेश दिया — आतंकवाद को समर्थन देने वाले अब नहीं बचेंगे।"
उन्होंने बताया कि कैसे 06/07 मई 2025 की रात भारतीय सेना ने सीमाओं के पार जवाब देकर पूरे देश का विश्वास फिर एक बार जीत लिया। 7 से 9 मई को पाकिस्तानी सेना की आक्रामक कार्रवाइयों का सटीक, संतुलित और दृढ़ उत्तर दिया गया, जिसमें सेना की वायु रक्षा इकाइयों ने अभेद्य दीवार बनकर देश की रक्षा की।
जनरल द्विवेदी ने भारतीय सेना की बढ़ती रणनीतिक तैयारियों का उल्लेख करते हुए कहा कि सेना अब ‘रुद्र ब्रिगेड’, ‘भैरव कमांडो’, ड्रोन प्लेटून और अत्याधुनिक आर्टिलरी क्षमताओं से सुसज्जित होकर 2047 तक ‘विकसित भारत’ के सपने को सुरक्षित करने में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
उन्होंने लद्दाख क्षेत्र में सेना द्वारा किए जा रहे **दोहरे उपयोग (Dual-use) इंफ्रास्ट्रक्चर**, **Vibrant Village Programme**, **बॉर्डर टूरिज्म**, **स्मार्ट बॉर्डर कम्युनिकेशन**, तथा **स्थानीय युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण** जैसे अनेक जनकल्याणकारी प्रयासों का भी उल्लेख किया।
अपने भाषण के अंत में उन्होंने कहा:
> "आज हम संकल्प लें कि भारत को सुरक्षित, सशक्त और विकसित बनाएंगे। कारगिल विजय दिवस केवल स्मृति नहीं, यह वचन है — भारत की संप्रभुता, अखंडता और सम्मान की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक लड़ने का।"
**जय हिंद! भारत माता की जय!**
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