लक्ष्मी शर्मा
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
भुवनेश्वर । ओडिशा सरकार ने पुरी में एक आधुनिक क्रूज़ टर्मिनल विकसित करने की तैयारी तेज कर दी है। यह योजना राज्य के समुद्री पर्यटन को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। इस परियोजना के लिए राज्य सरकार और पारादीप पोर्ट अथॉरिटी के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने जा रहे हैं, जिसकी औपचारिक घोषणा आगामी ‘इंडिया मैरीटाइम वीक’ के दौरान की जाएगी।
पुरी न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी देश का प्रमुख केंद्र है। हर साल लाखों पर्यटक जगन्नाथ धाम के दर्शन करने आते हैं। सरकार अब इस पारंपरिक तीर्थ नगरी को आधुनिक पर्यटन से जोड़ने की योजना बना रही है। इस टर्मिनल के निर्माण से पुरी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्रूज़ रूट में जोड़ा जाएगा। इससे ओडिशा की अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।
पुरी में क्रूज़ टर्मिनल के विकास से स्थानीय लोगों को होटल, परिवहन, हैंडीक्राफ्ट और गाइडिंग जैसी सेवाओं में नए अवसर मिलेंगे। साथ ही, राज्य में आतिथ्य उद्योग और हेरिटेज टूरिज्म को भी नया प्रोत्साहन मिलेगा। पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि पुरी, कोणार्क और चिलिका झील को जोड़ने वाली ‘गोल्डन ट्राएंगल’ सर्किट का प्रभाव कई गुना बढ़ जाएगा।
हालांकि परियोजना के साथ कुछ चुनौतियाँ भी जुड़ी हैं। पर्यावरणविदों का कहना है कि पुरी एक संवेदनशील समुद्री क्षेत्र है, जहाँ पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखना जरूरी है। यदि निर्माण कार्य में समुद्री तट और स्थानीय वन्यजीवों की सुरक्षा को नज़रअंदाज किया गया, तो भविष्य में गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। इसके अलावा भूमि अधिग्रहण और तटीय अनुमति जैसी प्रक्रियाएँ भी लंबा समय ले सकती हैं।
ओड़िशा सरकार का दावा है कि यह परियोजना पूरी तरह से ‘ग्रीन पोर्ट कॉन्सेप्ट’ पर आधारित होगी। निर्माण कार्य में पर्यावरण-मित्र तकनीक का उपयोग किया जाएगा और कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम रखने का लक्ष्य होगा। राज्य के वाणिज्य और परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव ने कहा कि “पुरी को एक विश्वस्तरीय पर्यटन हब के रूप में विकसित करना हमारी प्राथमिकता है। यह प्रोजेक्ट आने वाले वर्षों में ओडिशा की नई पहचान बनेगा।”
इस टर्मिनल से भारत के पूर्वी तट पर अंतरराष्ट्रीय क्रूज़ मार्गों को जोड़ने में भी मदद मिलेगी। अब तक अधिकांश क्रूज़ सेवाएँ मुंबई, कोच्चि और गोवा तक सीमित हैं। पुरी टर्मिनल के निर्माण के बाद दक्षिण-पूर्व एशिया, श्रीलंका और बांग्लादेश से आने वाले पर्यटकों के लिए यह एक नया गेटवे बन सकता है।
सरकार का लक्ष्य है कि परियोजना का पहला चरण वर्ष 2027 तक पूरा हो जाए। केंद्र की सागरमाला योजना के अंतर्गत इसे शामिल कर वित्तीय और तकनीकी सहायता भी ली जा रही है। उद्योग जगत के अनुसार, इससे ओडिशा में कुल मिलाकर लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है।
पुरी में क्रूज़ टर्मिनल का निर्माण केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि राज्य की समग्र पहचान बदलने का अवसर है। जब आधुनिक तकनीक, धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य एक जगह मिलते हैं, तो परिणाम हमेशा ऐतिहासिक होते हैं। यह पहल यदि समय पर और पारदर्शी ढंग से पूरी हुई, तो पुरी जल्द ही भारत के सबसे आकर्षक समुद्री पर्यटन केंद्रों में शामिल हो सकता है।

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