दिव्यांग का जीवन तबाह करने वाला खेल- योगेश कुमार पांडेय,जिला अध्यक्ष,उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ,सोनभद्र
दिव्यांग का जीवन तबाह करने वाला खेल- योगेश कुमार पांडेय,जिला अध्यक्ष,उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ,सोनभद्र
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
सोनभद्र।कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जनपद सोनभद्र के पत्रांक बे०शि०/नियुक्ति/1800-1809/2020-21 दिनांक 14/09/20 के क्रम में जनपद में कार्यरत 4 सहायक अध्यापकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है जो अति चिंतनीय है उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ शाखा सोनभद्र के जिला अध्यक्ष योगेश कुमार पांडेय ने कहा कि उक्त प्रकरण के संदर्भ में कुछ महीने पहले माननीय बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार )उत्तर प्रदेश सरकार को अवगत कराया गया था जिसमें उन्होंने सक्षम अधिकारी को यह निर्देशित किया था कि किसी भी दिव्यांग अध्यापक का प्रमाण पत्र की जांच किए व उसको निरस्त किए बिना वेतन अवरुद्ध नहीं किया जाएगा ना ही नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा परंतु कल से सोशल मीडिया पर जो पत्र वायरल चल रहा है उसको देखकर सक्षम अधिकारी व विभाग के अधिकारियों पर कई सवाल खड़ा करता है-
उक्त प्रकरण से संबंधित अध्यापक पिछले 4 वर्ष से नौकरी कर रहे हैं क्या नौकरी देते समय विभाग के अधिकारी उनके प्रमाण पत्रों की जांच किए बगैर ही वेतन निर्गत कर रहे थे?
क्या किसी जिले के सीएमओ या सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र को किसी दूसरे जिले के सीएमओ द्वारा प्रमाण पत्र को निरस्त किया जा सकता है?
क्या उस सक्षम अधिकारी या मेडिकल बोर्ड के डॉक्टर पर कोई कार्यवाही की गई जिसने इनके प्रमाण पत्र को जारी किया था?
क्या उन अधिकारियों के ऊपर कोई कार्यवाही की गई जिन्होंने इनके प्रमाण पत्र को गोपनीय तरीके से सत्यापित कराते हुए नौकरी दिये थे व पिछले 4 वर्ष से वेतन दे रहे थे?
उक्त प्रकरण में तमाम ऐसे प्रश्न खड़े होते हैं जो संदेहात्मक स्थिति को पैदा करते हैं ।जिस शासनादेश के तहत दिव्यांग शिक्षकों का सत्यापन कराया गया वह सही है या नहीं इसका निर्धारण अब कोर्ट ही करेगा परंतु संगठन इस बात की अवश्य निंदा करता है की अगर किसी को दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त होती है तो उसे कई वर्षों बाद यह कैसे निर्धारित कर दिया जाता है कि वह दिव्यांग नहीं है अगर ऐसा है तो उसे नौकरी देते समय ही या उससे पूर्व ही उसके प्रमाण पत्र का जांच व भौतिक सत्यापन कराकर ही नौकरी देना चाहिए जिससे किसी की जीवन को तबाह न किया जा सके।
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