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दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में भावपूर्ण श्रद्धांजलि एवं “राष्ट्रीय एकता: राष्ट्र के उत्कर्ष का आधार ” विषय पर वेबिनार द्वारा संगोष्ठी का आयोजन

दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में भावपूर्ण श्रद्धांजलि एवं राष्ट्रीय एकता: राष्ट्र के उत्कर्ष का आधार ” विषय पर वेबिनार द्वारा संगोष्ठी का आयोजन



सोशल काका 


लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया 


दिल्ली।  सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के भारत को एकजुट करने के अथक प्रयासों के फलस्वरूप सम्पूर्ण भारत में 31 अक्टूबर 2020 को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है I इसी उपलक्ष्य में सरदार वल्लभ भाई पटेल जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी मुख्यालय में दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड के अध्यक्ष एवं सभी सम्मानित सदस्यों की ओर से दि.प.ला अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण किया गया I



तत्पश्चात  “राष्ट्रीय एकता: राष्ट्र के उत्कर्ष का आधार”  विषय पर वेबिनार द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया । डॉ. रामशरण गौड़, अध्यक्ष, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड द्वारा कार्यक्रम की अध्यक्षता की गई तथा वक्ता के रूप में प्रो. राम अवतार शर्मा एवं डॉ. नीलम सिंह, सदस्य, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड उपस्थित रहे ।


डॉ. नीलम सिंह ने भारतीय गणराज्य को एक सूत्र में बांधने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल जी को नमन कर अपना वक्तव्य प्रारंभ किया । उन्होंने बताया कि खंडो में कभी विकास नहीं हो सकता इसलिए एकता अत्यावश्यक है । उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का जीवन वृतांत संक्षिप्त में श्रोताओं से साझा किया तथा उनके योगदान पर भी विस्तार में चर्चा की । सरदार पटेल जी यह मानते थे कि देश का विकास शांति, समृद्धि, अखंडता एवं एकता के कारण ही संभव है। वह सदैव ही देश को एकजुट करने के लिए प्रयासरत रहते थे यही कारण था कि महात्मा गांधी भी उनके मुरीद थे । डॉ. नीलम सिंह ने भारत के युवाओं को एकजुट होकर देश की अखंडता एवं विकास हेतु कार्यरत रहने का निवेदन किया ।



प्रो. राम अवतार शर्मा द्वारा श्रोताओं को सामाजिक, धार्मिक एवं राष्ट्रीय पहलुओं से एकता का  महत्व समझाया गया । उन्होंने  बताया कि किसी भी देश का आधार उसकी एकता एवं अखंडता में ही निहित होता है। भारत देश कई वर्षों तक गुलाम रहा, कई संस्कृतियों ने यहां राज किया, वैचारिक मतभेद रहे जिसके कारण बदलते रहे । इसी मतभेद को समझते हुए सरदार वल्लभ भाई पटेल आजीवन राष्ट्र को एकजुट एवं अखंड रखने हेतु कार्य करते रहे।



डॉ. रामशरण गौड़, अध्यक्ष, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड ने बताया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल त्रिकालदर्शी थे । उन्होंने इतिहास की कमियों का ज्ञान रखते हुए वर्तमान व भविष्य को उज्जवल बनाने हेतु एकता के स्वर को बुलंद कर एक अखंड राज्य की स्थापना करने हेतु कार्य किया तथा दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित किया। डॉ. रामशरण गौड़ जी ने सरदार पटेल जी के विचारों तथा कार्यों  का व्याख्यान करते हुए श्रोताओं को एकता का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि भारत देश विविधताओं से भरा है । यहां धर्म, जाति, भाषा, सभ्यता और संस्कृति में एकता को बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि एकता राष्ट्र के उत्कर्ष में एक अहम भूमिका निभाती है। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने एवं संस्कृति को अखंड बनाए रखने हेतु राष्ट्रीय भाषा के महत्व पर भी प्रकाश डाला । उन्होंने सभी से  भिन्नताओं का सम्मान करते हुए एकजुट होकर कार्य कर राष्ट्र विकास में योगदान देने हेतु आग्रह किया ।



वक्तव्य के अंत में अध्यक्ष, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड द्वारा श्रोताओं को एकता एवं अखंडता की शपथ दिलवाई गई ।


अंत में श्री आर. के. मीना, पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी, दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा धन्यवाद  ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया ।


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