कोरोना की भेंट चढ़ी बिलिंग मेें पैरागलाइडिंग प्रतियोगिता
- 2021 में भी मार्च माह में प्रस्तावित प्रतियोगिता पर संस्पेंस
- अंर्तराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक बन रही बाधा
- 2015 में हुआ था सफल कप का आयोजन
गौरव सूद
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
धर्मशाला। साहसिक खेल पैराग्लाइडिंग में वल्र्ड की नंबर टू सर्वश्रेष्ठ साइट में शुमार बीड़-बिलिंग कोरोना प्रकोप के चलते इस वर्ष कप को लेकर अछूती रही। मार्च माह में इंडियन 2020 के प्रतियोगिता का सपना देख रहे आयोजकों को कोरोना ने पहला झटका दिया। इसके बाद अक्तूबर माह में इस प्रतियोगिता को करवाने की बात बनी। लेकिन कोरोना का प्रकोप थमा नहीं और अब इंडियन 2021 पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता को करवाने की अटकलें सामने आईं हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ऐसा ही हाल रहा तो मार्च में प्रस्तावित पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता को टाला जा सकता है।
इवेंट कोर्डिनेटर के रूप में भूमिका निभाने वाले विस्तापस खरास ने पंजाब केसरी को बताया कि बीड़-बिलिंग में पैरागलाइडिंग प्रतियोगिता का होना अहम है, लेकिन जब तक कोरोना महामारी पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जाता तब तक बिलिंग में पैराग्लाइडिंग कप का आयोजन नहीं हो सकता है। उन्होंने बताया कि बीड़-बिलिंग घाटी विदेशी पायलटों की पसंदीदा पैराग्लाइडिंग साइट है। जिस कारण यहां इवेंट में भाग लेने के लिए विदेशी रूचि रखते हैं। लेकिन इस बार कोरोना के चलते कप के आयोजन यहां ना होने से विदेशी पायलटों में भी निराशा है। उन्होंने बताया कि केंद्र की ओर से फिल्हाल अंर्तराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाई हुई है। जब तक अंर्तराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक नहीं हटती, तक तक बिलिंग में कप का आयोजन टला रहेगा।
वर्ष 2015 में हुआ था सफल वल्र्ड कप
वीपीए के सदस्यों का कहना है कि वीपीए बीड़ में एकमात्र ऐसी एसोसिएशन है जोकि वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक पैरागलाइडिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाने में सफल साबित हुई है। वर्ष 2015 में बिलिंग घाटी में पूर्व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा के अथक प्रयासों के सफल वल्र्ड कप का आयोजन हुआ था। वीपीए ने कहा कि उनका मकसद खेल भावना के तहत बिलिंग का बजूद बने रहे,सरकार को इसके लिए प्रयास काते रहना चाहिए।
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