PM मोदी का कोरोना पर राष्ट्र के नाम संदेश, कहा- हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है, वैक्सीन को लेकर कही ये बात
PM मोदी का कोरोना पर राष्ट्र के नाम संदेश, कहा- हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है, वैक्सीन को लेकर कही ये बात
समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में भी धीरे-धीरे तेजी नजर आ रही है। हममें से अधिकांश लोग अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए फिर से जीवन को गति देने के लिए रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है। लेकिन, हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस भले ना गया हो। बीते सात-आठ महीनों में हर भारतीय के प्रयास से भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में है, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है।
जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं
पीएम मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर कहा कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। बरसों बाद हम ऐसा होता देख रहे हैं कि मानवता को बचाने के लिए युद्धस्तर पर काम हो रहा है। अनेक देश इसके लिए काम कर रहे हैं। हमारे देश के वैज्ञानिक भी वैक्सीन के लिए जी-जान से जुटे हैं। भारत में अभी कोरोना की कई वैक्सीन्स पर काम चल रहा है। इनमें से कुछ एडवान्स स्टेज पर हैं।
भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों की जान बचाने में सफल रहा
मोदी ने कहा कि हमें उसमें सुधार करना है। आज देश में फैटेलिटी रेट कम है, रिकवरी रेट ज्यादा है। अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों में 10 लाख लोगों में संक्रमितों का आंकड़ा 25 हजार के पास है। भारत में 10 लाख लोगों में मृत्यु दर 83 है। अमेरिका, ब्राजील, ब्रिटेन जैसे देशों में ये आँकड़ा 600 के पार है। साधन-संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों की जान बचाने में सफल रहा है।
90 लाख से ज्यादा बेड्स उपलब्ध
देश में कोरोना मरीजों के लिए 90 लाख से ज्यादा बेड्स उपलब्ध हैं। 12 हजार क्वारैंटाइन सेंटर्स हैं। कोरोना टेस्टिंग की 2 हजार लैब काम कर रही हैं. देश में टेस्ट की संख्या जल्द ही 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी। कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी बड़ी ताकत रही है।
ये समय लापरवाह होने का नहीं
सेवा परमो धर्म के मंत्र पर चलते हुए हमारे डॉक्टर,नर्स, हेल्थ वर्कर, सुरक्षा कर्मियों ने इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा की। इन सभी प्रयासों के बीच ये समय लापरवाह होने का नहीं है। ये समय ये मान लेने का नहीें है कि कोरोना चला गया या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है।
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