सोशल काका
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
दिल्ली। अन्नदाता जब अन्न उगाता है तो उसको पता होता हैं वो कितनो को जीवन दे रहा हैं। खेती किसानी करना उसकी मजबूरी नहीं उसका पैशन होता हैं और अपने लगन और परिश्रम से प्यार से अन्न उगाता हैं। आपने शायद कभी किसने परिवार को गेंहू की बाली पर हाथ फेरते देखा होगा या सरसो को फूल को चूमते हुए। यह सब ठीक ऐसे ही होता हैं जैसे हम आप अपनी महंगी कार या अपनों का ख्याल रखते है।
पर क्या अपने कभी सोचा हैं कि अन्नदाता के द्वारा उगाया गया अनाज आपकी सेहत का ख्याल कैसे रखता हैं ?
अगर आपके अन्न में केमिकल का डोज भरा होगा तो आपकी हालत कैसी होगी ?
इन सभी को ध्यान में ही रखते हुए लोकल फूडी लाता हैं आप सबके लिए साफ़ सुथरा प्राकृतिक तरीके से उपजे हुए अनाज। ऐसे अनाज जिसकी सोंधी खुशबू आपको ना सिर्फ महसूस होगी बल्कि आप उसका आनंद भी ले पाएंगे अपनी चटोरी जीभ के द्वारा।
अचार तो सब खाते हैं पर जो लोकल चठ्खारा का स्वाद हैं वो हैं उसके बनने के प्राकृतिक तरीके के कारण। हाथ से पिसे हुए मिर्च मसाले का उपयोग वो भी पूरी साफ सफाई के साथ , बिना किसी केमिकल के धुप में प्राकृतिक तरीके से पकाये और सुखाये गए सरसो की शुद्ध तेल में सोंधी खुशबू के अपने अंदाज के साथ साथ लोकल चठ्खारा का लाजबाब स्वाद आपको बेहाल करने के लिए काफी हैं। और क्या आपको पता हैं इसके लिए लोकल फूडी ग्रामीण अंचल की आधी आबादी में से चुनिंदा स्वादिष्ट व्यंजन महारथी महिलाओ के समूह से तैयार करवाता हैं यह ख़ास प्रोडक्ट्स आपके लिए।
बस अब आपका इन्तजार ख़त्म और यकीन मानिये आपकी सेहत और स्वाद का ख्याल रखने के लिए लोकल फूडी आपकी जेब पर कोई ख़ास बोझ नहीं बनेगा। क्योकि जब आप अच्छा खायेगे तो काफी कुछ बचाएंगे भी और आपके चेहरे पर हमेशा रहेगी लालिमा युक्त मुस्कान।
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