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अपना पुश्तैनी मकान छोड़ कर लकड़ी के खोखे में रहने को मजबूर एक गरीब परिवार



  • निर्माणाधीन सड़क बनी जानलेवा, घर में घुसा मलबा, जान माल के नुकसान का अन्देशा
  • खतरे के साए में जीना मुश्किल, उपायुक्त कुल्लू से लगाई सुरक्षा की गुहार
  • दर दर भटकने के बाबजूद आजतक नहीं हुआ पीड़ित  घनश्याम के मकान का मुयायना


परस राम भारती

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया 

तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार। उपमंडल बंजार में तीर्थन घाटी की ग्राम पंचायत कलवारी के गांव ननौट निवासी घनश्याम सिंह का परिवार आजकल खतरे के साए में जीने को मजबूर है। गलवाहधार से रंबी के लिए निर्माणाधीन सड़क पर बरसात का पानी इस परिवार के लिए कहर बनकर बरसा है। फरगौट गांव के समीप सड़क निर्माण के लिए पहाड़ी पर कटिंग के कारण मलबा और पत्थर पीड़ित घनश्याम के रिहायशी मकान में घुस गया है, जिस कारण मकान के साथ ही इसके खेतों में बिजाई हुई फल और सब्जी की फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। 



इस मकान में रहना अब खतरे से खाली नहीं है और  यहां पर जान और माल के नुकसान का अन्देशा बना हुआ है। निर्माणाधीन सड़क से लगातार पानी, मलवा और पत्थर गिरने का सिलसिला जारी है जिस कारण घनश्याम का परिवार अपना पुश्तैनी मकान छोड़ कर लकड़ी के खोखे में रहने को मजबूर है। अपनी इस समस्या के समाधान और सुरक्षा बारे घनश्याम कई जगह अपनी गुहार रख चुका है तथा दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। दिनांक 4, सितम्बर, 2021 को  यह अपनी समस्या को लेकर उपायुक्त कुल्लू के समक्ष भी पेश हुआ था और उन्हें लिखित व मौखिक रूप में अपनी समस्या से अवगत करवाया गया लेकीन दो सप्ताह बीत जाने के बाद आजतक भी किसी आधिकारी ने इसकी सुध नहीं ली है और ना ही  अभी तक मौके का मुयायना किया गया।


घनश्याम ने बताया कि इस निर्माणाधीन सड़क पर पत्थर और मलबा को हटाने का कार्य किया जा रहा है तथा बरसाती बारिश से उसकी जमीन और मकान पर लगातार मलबा और पत्थर गिर रहे है जिस कारण इसके सेब के बगीचे और अन्य फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। इसने बताया कि अपनी जमीन और मकान को नुकसान से बचाने के लिए जुलाई 2018 में अदालत से स्टे ले भी लिया था। ग्रामीणों के हित को ध्यान में रखते हुए इसने अपना स्टे बापिस ले लिया था तब लोगों ने और विभागीय अधिकारियों द्वारा मकान की सुरक्षा के लिए उचित सुरक्षा उपाय करने की हामी भरी थी। लेकिन इस पर आजतक किसी ने भी कोई गौर नहीं फरमाया है।


इसने बताया कि ग्रामीणों और ठेकेदार के दवाब में आकर इसने कोर्ट से अपना स्टे वापिस लिया था क्योंकि उन्होंने इस स्थान पर पक्की सुरक्षा दीवारें लगाने का आश्वासन दिया था लेकिन अब इस मकान पर रहना खतरे से खाली नहीं है और मजबूरन इसे अपना पुश्तैनी मकान और जमीन को छोड़कर परिवार समेत लकड़ी के खोखे में रहना पड़ रहा है। बार-बार अनुरोध के बावजूद भी इस सड़क का निर्माण कार्य बिना किसी सुरक्षा के किया जा रहा है। करीब एक साल से यह अपने घर पर और जमीन में कोई भी कार्य नहीं कर पा रहा है जिस कारण इसकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो गई है और इसे अपने परिवार का भरण-पोषण करने में कठिनाई हो रही है। विभाग द्वारा निर्माणाधीन सड़क पर पत्थर और चट्टानों को जीर्ण-शीर्ण  छोड़ दिया गया है जिससे कभी भी जान और माल के खतरे का अंदेशा बना हुआ है


घनश्याम सिंह ने उपायुक्त कुल्लू से गुहार लगाई है कि इसकी जमीन पर गिरा हुआ सारा मलबा हटा दिया जाए और इसकी चल अचल संपत्ति को हुए नुकसान का निरीक्षण करवा कर जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए और इसके पुश्तैनी मकान के पिछले हिस्से में पक्की सुरक्षा दीवार लगवाई जानी चाहिए।

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