आखिर देश की सबसे बड़ी क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी आदर्श क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के लाखो निवेशकों को रोजगार और जीविका देने की गति पर पूर्ण विराम क्यों ?
(फाइल फोटो)
विजय शुक्ल
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
दिल्ली। अखबारों की सुर्खियों पर नजर डाले तो आपको अंदाजा लगेगा कि वास्तविकता में लगभग दो दशकों तक लाखो निवेशकों के भरोसे पर खरी साबित होने वाली आदर्श क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड पर आखिर जांच एजेंसियों ने प्रवर्तन निदेशालय ने ऐसी कौन सी गड़बड़ी पाई कि इस पर पूर्ण विराम लगाने की ओर उसकी सभी सम्पत्तिया और बैंकिंग सीज करके अब तक यानी लगभग चार साल से एक परिसमापक नियुक्ति तक करवाने में अक्षम रही।
सवाल अगर गड़बड़ी का हैं तो कार्रवाई सुनिश्चित करना ही ऐसी एजेंसियों का धर्म हैं और स्वतः संज्ञान लेकर भी यह अपनी कार्रवाई कर सकती हैं यह भी इनके अधिकार क्षेत्र का यही मामला हैं पर सरकार और सियासी गलियारों के अलावा समाज में रोजगार , बचत और लोगो की जीविका का साधन बनी देश दुनिया में क्रेडिट कोआपरेटिव क्षेत्र में दो दशकों तक बिना किसी विवाद या शिकायतों के चलने वाली इस कोआपरेटिव सोसाइटी पर क्या वाकई लें दें की गड़बड़ी या मनी लॉन्ड्रिंग के कारण ताला लटका या इसमें कोई राजनीतिक रंजिश जैसा भी कोई एंगेल हैं ? यह तो शायद जांच करने के बाद संबंधित विभागीय या न्यायालय की कृपा दृष्टि पड़ने पर ही हो सकता हैं।
महज एक सवाल ही मन को खटकता होगा सभी निवेशकों को कि कैसे जनहित सबका साथ सबके विकास की वैचारिकता के साथ काम करने वाली मोदी सरकार और गुजरात , मध्यप्रदेश और राजस्थान की सरकारों को सामाजिक और मानवीय संवेदना नजर नहीं आई। या उनके संज्ञान में यह मामला आया ही नहीं क्योकि न जाने लाखो लोगो ने पाई पाई इकठ्ठा करके कैसे अपनी बचत पर लाभ के सहारे जीवन यापन का रास्ता तलाश रहे होंगे और अपनी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के सपनो का ताना बाना बना था जो अब चूर चूर हो गया हैं।
अभिकर्ताओं ने ज्ञापन के माध्यम से सरकार को बार बार बताने का प्रयास किया कि आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी पिछले 19 वर्षों से लगातार सरकारी वित्तीय सेवाएं प्रदान करती आ रही हैं । और देश भर में हम जैसे लाखों लोग किसी न किसी रूप से इस संस्था से जुड़े हुए हैं। हमारे परिवारों का पालन पोषण इस संस्था पर आधारित है ।आदर्श क्रेडिट बचत की प्रेरणा और रोजगार सर्जन का एक बड़ा लक्ष्य लेकर कार्य करती है। इसी के अंतर्गत आज देशभर में करीब 20 लाख परिवारों की आजीविका का माध्यम यह संस्था है। और इस पर लगाए गए रोक के बाद यह सभी परिवार गंभीर संकट में है ।सोसायटी के आकड़े स्पष्ट करते हैं कि लोगों को रोजगार देने और समाज सेवा के क्षेत्र में संस्था उल्लेखनीय रूप से सफल रही है। दुर्भाग्यवश संस्था के अस्तित्व पर परिचालन का एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। लोग भुखमरी की स्थिति की कगार पर है।हम सभी ने मिलकर बड़े परिश्रम से संस्था को इस मुकाम तक पहुंचाया कि देश ही नहीं, विदेश में भी भारत और सहकारिता का नाम रोशन हुआ है।आज आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी को देश की सबसे बड़ी क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी होने का गौरव प्राप्त है। सबसे बड़ी उल्लेखनीय बात यह है कि सोसायटी पर लगाए गए प्रतिबंधों से पूर्व सोसाइटी के सभी परिवार को भुगतान नियमित परिपक्वता तिथि पर किए जाते रहे हैं। संस्था से जमाकर्ताओं व अभिकर्ताओं को आज तक कोई समस्या नहीं आई है। न ही संस्था के लेनदेन के प्रति किसी प्रकार की शिकायत जमाकर्ताओं द्वारा कहीं दर्ज नही कराई हुई है। यहां तक कि सोसायटी द्वारा लगातार लाभ अर्जित कर अपने सदस्यों को नियमित रूप से लाभांश का भुगतान भी किया जा रहा है। यह देश के सहकारी वित्तीय क्षेत्र में एक रिकॉर्ड है। सिर्फ एडवाइजर/ एजेंट ही नहीं जमाकर्ताओं के लिए भी आदर्श क्रेडिट एक बड़ी आर्थिक आवश्यकता है। देश के लाखों लोगों के हित में इस संस्था का सक्रिय और गतिशील रहना जरूरी है। ऐसे में संस्था को बंद या समाप्त करना वास्तविक समाधान नहीं हो सकता।
अब सवाल यह हैं कि सरकार और हमारी न्याय व्यवस्था इस आदर्श क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड से जुड़े लाखो लोगो के जीवन मरण की इस स्तिथि का क्या निदान हो सकता हैं ?
टिप्पणियाँ
गन्दी राजनिती षडयंत्र कर के गरीब जनता कि हाय रे रही है सरकार
धिक्कार हे ऐसे राजनिती से !
लोगो का भला करे !
किसी के बेटे-बेटीयों की शादीयों के लिये, किसी के मकान बनाने के लिये, किसी के बिमारी के इलाज के लिये लोगो ने अपनी खुन पसिने की कमाई आदर्श सोसाइटी मे जमा कराई थी! लेकिन केंद्र सरकार के ढुलमुल रवैये से २१ लाख परिवारों का जीना मुशकील हो गया है! अब तो
पहले_आदर्श_का_भूगतान फिर मतदान
की कसम खा ली है देश के २० करोड जनता ने! एक आदर्श पिडित निवेशक सिरोही राजस्थान
#SaveAdarshCredit #Justice_for_AdarshMembers
एक टिप्पणी भेजें