37वां राष्ट्रीय खेल: रोइंग मुकाबलों की तैयारियों के लिए किसानों ने की गोवा सरकार की मदद, खेल मंत्री ने कहा- हम उनके आभारी हैं
रोहित चौधरी/शक्ति राज
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
पणजी, 27 अक्टूबर: एक पुरानी कहावत है कि एक चैंपियन को बनाने के लिए एक गांव की जरूरत होती है। गोवा में जारी 37वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान कुछ ऐसा ही नजारा राज्य की राजधानी से करीब 20 किमी दूर चापोरा नदी के पास रोइंग यानी के रोइंग प्रतियोगिता की मेजबानी के दौरान देखने को मिला।
जलक्षेत्र में काफी आगे होने के बावजूद, गोवा ने अब तक एक खेल के रूप में नौकायन में वास्तव में अपनी जड़ें नहीं जमाई हैं और इसलिए यहां पर खेल के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण कभी नहीं किया गया। आयोजकों को मालूम था कि खेल के लिए कोर्स बनाना हमेशा एक मुश्किल चुनौती होगी क्योंकि रोइंग यानी के रोइंग के लिए स्थिर पानी और दो किलोमीटर या उससे अधिक के सीधे कोर्स की आवश्यकता होती है।
इसके लिए पहले एक ऐसे जगह की पहचान करने में समय लगा जहां ये सभी जरूरतें पूरी हो सके और फिर जब उन्हें सही जगह मिल गई, तो आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना चुनौतीपूर्ण था क्योंकि नदी के किनारे या फिर उसके आसपास कोई खाली जमीन नहीं थी। और फिर स्थानीय किसान फसल की कटाई का सीजन होने के बावजूद सरकार और संगठनों की मदद करने के लिए आगे आ गए।
रोइंग प्रतियोगिता के निदेशक इस्माइल बेग ने हरे-भरे मैदान की ओर इशारा करते हुए कहा, '' कोर्स काफी अच्छा है। लहरें पानी के प्रवाह को प्रभावित करती है लेकिन इसे मैनेज किया जा सकता है। हालंकि असली चुनौती तो नावों को रखने के लिए जगह बनाना, तकनीकी अधिकारियों के क्षेत्र और अन्य सुविधाओं का निर्माण करना था क्योंकि नदी उन खेतों से घिरी हुई है, जो इनके मालिक हैं।''
उन्होंने यह भी बताया कि नदी तट के दूसरी ओर नारियल के पेड़ हैं और जब वह 10 दिन पहले गोवा पहुंचे थे चीजें काफी अलग थीं।
रोइंग प्रतियोगिता शुरू होने में सिर्फ 12 दिन बचे हैं और इसका आयोजन करना अभी भी बहुत हद तक किसानों के सहयोग पर निर्भर है क्योंकि फसलों की कटाई का मौसम अभी भी चल रहा है और अभी भी पूरी तरह से फसलें काटी नहीं गई हैं।
लेकिन सबसे अच्छी बात यह रही कि अगले दो दिनों के अंदर ही करीब 23 किसानों ने न केवल अपनी जमीन खाली कर दी, बल्कि नदी के किनारे तक कंक्रीट सड़क बनाने, खेतों को बराबर करने और यहां तक कि लगभग 5000 वर्ग मीटर जमीन को साफ करने के लिए अधिकारियों को अपनी करीब 30,000 वर्ग मीटर जमीन भी सौंप दी।
बेग ने आगे कहा, '' हर नई जगह की अपनी एक अलग चुनौतियाँ होती हैं। लेकिन यहां, हमें जमीन को बराबर करने, अस्थायी बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए पिछले 10 दिनों से युद्ध स्तर पर काम करना पड़ा है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना पड़ा कि मिट्टी को कोई ज्यादा नुकसान न हो क्योंकि किसान को जल्द ही खेती शुरू करनी है।''
यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसानों को भी नुकसान न हो, सरकार ने उन्हें दिए जाने वाले मुआवजे पर पहले ही फैसला कर लिया है, हालांकि उनमें से कुछ ने बदले में कुछ भी नहीं मांगा है।
गोवा के खेल मंत्री गोविंद गौडे ने किसानों के इस प्रयास के लिए उनकी जमकर सराहना की है। उन्होंने कहा, ''किसानों का काफी सपोर्ट मिला है, जो यह दिखाता है कि यह खेल गोवावासियों के लिए कितना मायना रखता हैं।''
खेल मंत्री ने कहा, ''इस शानदार सहयोग के लिए हम किसानों के आभारी हैं.''


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