सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

राजनीति-व्यापार-सिनेमा-समाज-खेती बारी लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मन के हारे हार है, मन के जीते जीत- वशिष्ठ कुमार गोयल

मन के हारे हार है मन के जीते जीत- वशिष्ठ कुमार गोयल लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया  गुरुग्राम । लॉक डाउन मे जहाँ हर कोई परेशान है वही नव जन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ठ गोयल ना सिर्फ सोहना क्षेत्र मे लोगो की मदद कर रहे है बल्कि सबका हौसला भी बढा रहे है। सामाजिक राजनीतिक महत्वाकांक्षा के धनी और व्यवसाय की बारीकियो को जानने समझने वाले जमीन से जुडे हुए होने के कारण आम जन मानस को खुद व मंच के साथियो के माध्यम से सबको जागरुक करने मे यह सहज व सरल दिखते है। इनका साफ साफ मानना है कि अब हम सबको कोरोना को दिनचर्या का हिस्सा मानकर सोशल डिस्टेंस बनाते हुए और मास्क का प्रयोग करते हुए अपने अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिये और वही हम सबको एक ताकत भी देगा और विश्व शक्ती बनने की राह पर अग्रसर भारत को नया आयाम भी। हम सब तो ग्रामीण और शहरी दोनो परिवेशो को जीवन शैली मे शामिल किये हुए लोग है तो हमको स्वदेशी और अपनी माटी का मान हमेशा ही रहा है और आज शायद सही वक़्त है जब आपसी महाभारत को खत्म कर हम सब आगे बढ़े और देश को एक नयी गति दे। नव जन चेतना मंच हमेशा अपनी मूल भाव मे लोगो को सचेत करने के साथ साथ उनकी सेवा और सहयोग मे जु

मेरी तो पूरी दुनिया माँ मे ही है-अभिनेत्री हर्षदा पाटिल

मेरी तो पूरी दुनिया माँ मे ही है-अभिनेत्री हर्षदा पाटिल विजय शुक्ल लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया पुणे/दिल्ली। कितना गज़ब का समय है आज हर कोई कैद मे हैं पर एक बात की खुशी है की हममे से ज्यादातर लोग आज अपने घरो मे पूरे परिवार के साथ हैं और माँ के आंचल के प्यार के तले भी। क्योकि एक माँ ही है जो हम सबका पहला कवच है और इतना मजबूत की वो हमे दुनिया की हर मुसीबत से बचा लेने मे समर्थ है। हां पापा की डाट से भी। दक्षिण भारतीय सिनेमा की जानी मानी हस्ती अभिनेत्री हर्षदा पाटिल ने जब यह कह्ते हुए अपने बचपन की बाते याद की तो बस मानो सच मे अपना बचपन भी याद आ गया। माँ का तो हर दिन है पर आज का दिन उनके लिये खास रखा गया है तो क्या मैं और आप आज के दिन माँ को माँ की तरह बनकर हम उनका ख्याल रख सकते है यह दिन, मेरा तो बड़ा मुश्किल हैं उनके जैसा फटाफट सब कुछ मेरे हिसाब से तैयार कर देना आपका तो पता नही। मैं तो जानती हूँ कि माँ जैसा कोई नही। पर मैं कोशिश करूंगी की माँ के संग यह बेहतरीन पल यादगार बना सकूं। इस लॉक डाउन मे बचपन की बातो को याद करती हर्षदा मानो एक नये आनंद को मह्सूस कर रही हो। उन्होने बताया कि  जब वो बचपन मे स

नही रहे इरफ़ान पर वो किरदार तो हमेशा जीवित रहेगा

नही रहे इरफ़ान पर वो किरदार तो हमेशा जीवित रहेगा   विजय शुक्ल लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया दिल्ली। हल्लौ भाईयो और बहनो मैं इरफ़ान आज मैं आपके बीच मे हूँ भी और नही भी..... जी हां यही थे इरफ़ान जीवट , बेबाक और हाजिरजबाब। यह सच है कि इरफ़ान नही रहे पर यह भी सच हैं कि उन्का किरदार हमेशा हमारे बीच जिन्दा रहेगा पान सिंह तोमर या इंग्लिश मीडियम के उस बाप के रूप मे। एक दिन पहले अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती कराए गए दिग्गज अभिनेता इरफान खान के बारे में बड़ी खबर उनके निधन की है। अभी हाल मे माँ के अन्तिम संस्कार मे शामिल भी नही हो पाये थे। फिल्म डायरेक्टर सुजीत सरकार ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि इरफान खान का निधन हो गया है। सुजीत सरकार ने लिखा ‘मेरे प्यारे दोस्त इरफान आप लड़ते रहे… लड़ते रहे और लड़ते रहे। मुझे हमेशा आप पर गर्व रहेगा और हम दोबारा मिलेंगे… श्रद्धांजलि’। इरफान खान के अचानक निधन से हर कोई शॉक में है। इरफान खान के फैंस से लेकर तमाम बॉलीवुड स्टार्स के एक एक कर रिएक्शन सामने आ रहे हैं। इरफान खान के जाने की खबर सुन कर करण जौहर ने भी ट्वीट किया है। करण जौहर ने अपने ट्वीट में लिखा- ‘श

कोरोना फोबिया मत पालो पालना है तो लोगो की मदद करते हुए लॉक डाउन मे घर पर रहने का शौक पालिये: अभिनेत्री हर्षदा पाटिल

कोरोना फोबिया मत पालो पालना है तो लोगो की मदद करते हुए लॉक डाउन मे घर पर रहने का शौक पालिये: अभिनेत्री हर्षदा पाटिल चुगलखोर रिपोर्टरनी लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया  दिल्ली। कोरोना मे यह होगा कोरोना मे वह होगा, ऐसा ना करो वैसा ना करो....पक गये होगे आप भी सुन सुनकर। मैं तो बस यह जानती हूँ कि बीस सैकेण्ड तक हैंड वाश और दो गज की दूरी के साथ साथ मास्क जरूरी और सेनिटाइज़ हो हाथ जब कुछ जरूरी हो लेना साथ। जब यह सब पता है तो मैं घर पर अपने बिंदास अपने काम कर रही हो और आप भी करो। सड़क पर निकलकर कोरोना को घर क्यो लाना। अभिनेत्री हर्षदा पाटिल की यह बात सुनते ही मानो मोदी जी का चेहरा याद आ जाता है और हां एक बात आपको शायद पता नही होगा पर हर्षदा पाटिल चुपके चुपके डान्स भी सीख लेती हैं ऑनलाइन और तो और योगा और सूर्य प्रणाम भी। हां बस एक ही तो कमजोरी है इस हमारी खूबसुरत हीरोइन की वो यह की यह फिल्मी वुमनिया जब भूख लग जाती है तब तो मानो कहर ढ़ा देती है। वैसे खाना यह खुद भी अच्छा बनाती हैं आजकल लॉक डाउन मे तो अपना सारा काम यही कर रही है और जैसा मेरी सहेलियो ने मेरे को बताया रे बाबा यह हर्षदा पाटिल बहुत बड़ी हीरोइन ह

आधी आबादी संग , लाडो फिर दंगल मे 

आधी आबादी संग , लाडो फिर दंगल मे  लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया कुरुक्षेत्र। डाउन के दौरान डॉ संतोष दहिया ने महिलाओं को दिया एक नया मंच। अपने घरों में सुरक्षित बैठी महिलाओ को व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़कर उनकी प्रतिभा को एक मंच दिया जिसमें महिलाएं अपने मन की बात सांझी कर रही है।  महिला खाप महापंचायत की पहली राष्ट्रिय अध्यक्ष एवं राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित डॉ संतोष दहिया ने  अखिल भारतीय महिला शक्ति मंच, महिला शक्ति मंच नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाए है जिनमे देश के कोने कोने से केवल महिलाओं को जोड़ा गया है। जिनमें महिलाएं जी भर कर मन की बात कर रही हैं और अपने हुनर को भी सभी महिलाओं के साथ शेयर कर रही हैं। महिला का जीवन की दिनचर्या बहुत ही व्यस्त रहती है उसे खुद की प्रतिभा को निखारने का मौका ही नहीं मिलता वह परिवार में लगी रहती है। आजकल कोरोना के कहर ने हर किसी को घर की चारदीवारी में कैद कर दिया है जिससे हर व्यक्ति खुद को असहाय सा महसूस कर रहा है और कोरोना का भय उनके अंदर घर कर रहा है जिससे उबारने के लिए डॉ संतोष दहिया ने महिलाओं को अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए मंच दिया है जिसमें हर रोज एक टॉपिक दिया

WORLD HEALTH DAY पर नो प्लास्टिक यूज़ की शपथ के साथ साथ हर साल अन्तिम सांस तक एक पौधा कम से कम लगाने की अभिनेत्री हर्षदा पाटिल की मुहिम

WORLD HEALTH DAY पर नो प्लास्टिक यूज़ की शपथ के साथ साथ हर साल अन्तिम सांस तक एक पौधा कम से कम लगाने की अभिनेत्री हर्षदा पाटिल की मुहिम लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया मुम्बई । लॉक डाउन मे सब कुछ तो लॉक नही है जैसे यह खुला आसमान यह मस्त हवाए और यह हसीन धरा....झूमती हुई हर्षदा पाटिल का यह अंदाज कमाल का लगा वर्ल्ड अर्थ डे पर। कहते है कुछ लोग खास होते है जिनके दिलो मे दुनिया की फिक्र, अपनो का प्यार और अपने किरदार की अहमियत वाली जिम्मेदारी निभाने का जज्बा होता है उनमे से एक हैं माराठी फिल्मो की मराठी बाला(अरे भाई वो आयुष्मान खुराना वाली बाला नही बोले तो मराठी मुलगी) लेडी सिंघम और दक्षिणी भारत की खूबसूरत अदाकारा हर्षदा पाटिल अरे वही पैडमैन मे अक्षय कुमार के साथ वाली हसीन अभिनेत्री । अभिनेत्री हर्षदा पाटिल ने अपने फैन्स को एक चैलेंज क्या दिया कि आने वाली एक मई से एक पेड़ जरूर लगाये और प्लास्टिक यूज़ से दूरी बनाये का जबरदस्त असर दिखाई दिया। हैं ना कमाल की बात। हर्षदा पाटिल ने अपने एक वीडियो संदेश मे बोला की एक पेड़ लगाने की यह मुहिम दरअसल आने वाले समय मे अपने और अपने परिवार के साथ साथ इस दुनिया वालो के लिय

रसीले आम की मौज उड़ाती अभिनेत्री हर्षदा पाटिल ने किया लॉक डाउन मे आम्रस्वाद की मस्ती को अनलॉक

रसीले आम की मौज उड़ाती अभिनेत्री हर्षदा पाटिल ने किया लॉक डाउन मे आम्रस्वाद की मस्ती को अनलॉक    लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया   मुम्बई । लॉक डाउन 2.0 जहां मुम्बई मे बांद्रा मे भीड को अफवाह मे उड़ाती एक घटना खास हो रही है और लॉक डाउन की धज्जियां उडाते हुए इसको आम बना रही है तो वही दूसरी ओर आम के रसास्वादन से इसको अनलॉक कर अभिनेत्री हर्षदा पाटिल ने इसको खास बना दिया। अभी कुछ दिनो से यह खास खूबसूरत तेईस साल वाली लेडी सिंघम कुछ खास स्क्रिप्ट पर समय बिता रही है और दक्षिण भारत के बड़े  अभिनेताओं  के साथ साथ हिन्दी फिल्म के अक्षय कुमार के साथ काम करने के बाद अब इनकी नजर अजय देवगन के साथ मूवी करने पर है।   इस हसीना मे एक ओर हेमामालिनी की अदा है जो इनके आम चूसने के अंदाज से आपको समझ मे आ ही जाएगा की यह कभी श्रीदेवी तो कभी रेखा जैसी झलक दे जाती है पर अगर किसी ने ध्यान से देखा हो तो हर्षदा पाटिल को अभिनय के साथ साथ देश दुनिया के लोगो के बारे मे भी चिंता है। तभी तो वो पीएम केयर से लेकर अपने स्तर पर समाज की मदद के लिये आगे आती है।   पर कोरोना की कैद मे हर्षदा पाटिल ना जाने कैसे इतने रसीले आमो का जुगाड कर ले

जमीन के दिल की धड़कनो को सुने, वह आपको स्वस्थ, प्रसन्न और शांत रखेगी – दीपक अग्रवाल

जमीन की आवाज सुनें, वह आपको स्वस्थ, प्रसन्न और शांत रखेगी – दीपक अग्रवाल लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया मुम्बई। कोरोना महामारी के दौर में पारिवारिक और सामाजिक महामारी की चपेट में भी देश आया हुआ है। ऐसे में “ लैंड जेनेटिक्स” के प्रणेता दीपक अग्रवाल से हमने काफी सारे सवालों के उत्तर लिए ताकि आप, परिवार, और समाज स्वस्थ रह सकें।  देश का हर नागरिक 21 दिनों के लिए अपने घर में बंद रह चुका है। राष्ट्रपति से लेकर आम नागरिक तक घरों के बाहर नहीं निकल सकते क्योंकि कोरोना की महामारी से बचाव का सबसे अच्छा यही तरीका है।  लॉकडाऊन की मियाद सरकार ने 15 दिनों के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह संभावना भी दिख रही है कि लॉकडाऊन काल पूरा होने के बाद भी एक या दो सप्ताह के लिए और बढ़ाने पर सरकार विचार करे। हालात के मुताबिक यह निर्णय केंद्र एवं राज्य सरकार मिल कर लेंगे।  अब पूरा देश 21 दिन के लॉकडाऊन समाप्त होने का इंतजार कर रहा था, लॉकडाऊन बढ़ने के कारण सबको धैर्य रखते हुए, शांतचित्त रहते हुए, पारिवारिक समन्वय और स्वास्थ अच्छे से संभालते हुए आजीवन पूंजी बनाना होगा।  लॉकडाऊन के कारण एक तरफ जहां प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक औ

मैं भी भूखा ना रहूँ कोई और ना भूखा जाय मुहिम को मिला जोगिंदर नागर , चरतराम बरसीवाल , विजय राजौरा व जेडी मीट वाले धीरज सरीखे समाजसेवी व्यक्तित्व साथियो का साथ

मैं भी भूखा ना रहूँ कोई और ना भूखा जाय मुहिम को मिला जोगिंदर नागर , चरतराम बरसीवाल , विजय राजौरा व जेडी मीट वाले धीरज सरीखे समाजसेवी व्यक्तित्व साथियो का साथ लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया दिल्ली। आज जब पूरा देश कोरोना की कैद मे मे है और कई कामगार, ग्रामीण मजदूर और जरूरतमंद लोग कोरोना की मौत की डर से कम भूख से मरने के खौफ मे जिन्दा है और कुछ तो पेट और मजबूरी के कारण अपने अपने शहर की तरफ पैदल ही निकल पड़े है बिना पैसे बिना खाने का सामान लिये हुए बन्जारो की तरह। सरकार और प्रशासन अपनी अपनी कागजी कार्रवाई मे सिमटा हुआ है तो समाज अपने नैतिक मूल्यो के साथ सड़क पर है इस महामारी से उनको बचाने के लिये जो कोरोना योद्धा जैसा धर्म निभा रहे है तो कुछ ऐसे जो कई दिनो से अन्न के दर्शन के बिना जी रहे है। ऐसे मे हमारी मुहिम जो अपने रिपोर्टर्स, पाठक और मित्रो के दम पर शुरु की गई आज लाखो लोगो की पेट की आग को शान्त कर रही है और उसको जेडी मीट के युवा नेकदिल इन्सान धीरज की मदद मिली तो सबका हौसला मुम्बई तक लोगो की मदद को पहुंच गया और आज उसको और बल मिला साथी जोगिंदर नागर, चरत राम बरसीवाल और विजय रजौरा के आर्थिक भागी

शाबाश कैनविन एनजीओ! कर्मचारियों को डबल वेतन देने के लिये

शाबाश कैनविन एनजीओ! कर्मचारियों को डबल वेतन देने के लिये चिकित्सा के क्षेत्र में काम करती है यह संस्था कोरोना काल में चिकित्सा के साथ खाने का भी शुरू किया है काम देश की बड़ी कंपनियों के सामने मिसाल बनी कैनविन एनजीओ लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया गुरुग्राम। कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध के बाद भी बड़ी-बड़ी कंपनियां श्रमिकों को छुट्टियों के दौरान वेतन देने से अपने हाथ पीछे खींच रही हैं, वहीं गुरुग्राम की एक एनजीओ ने अपने यहां काम करने वालों को दुगुना वेतन देकर मिसाल कायम की है। यह एक नई शुरूआत है। औरों को भी इससे प्रेरणा लेकर इसका अनुसरण करना चाहिए। कोरोना संक्रमण के इस दौर में लॉकडाउन के पहले दिन से ही जनसेवा को मैदान में उतरी कैनविन संस्था ने घोषणा की है कि पहले दिन से लेकर जब तक कोरोना के चलते लॉकडाउन रहेगा, वह अपने यहां काम करने वाले हर कर्मचारी को दुगुना वेतन देगी। कैनविन के संस्थापक डीपी गोयल ने यह घोषणा करते हुए कहा कि आज कोरोना संकट के बीच हर सरकारी कर्मचारी, प्राइवेट कर्मचारी अपनी जान की परवाह न करते हुए जनसेवा में जुटा है। इसलिए उन्होंने निर्णय लिया कि वे अपनी संस्

पेशे से डॉक्टर पर अपने क्लब के साथ मिलकर गुरुद्वारे के द्वारा 1500 लोगो के सप्ताह भर का भोजन का इन्तजाम कर रहे डॉक्टर अन्केश साहेत्या 

पेशे से डॉक्टर पर अपने क्लब के साथ मिलकर गुरुद्वारे के द्वारा 1500 लोगो के सप्ताह भर का भोजन का इन्तजाम कर रहे डॉक्टर अन्केश साहेत्या  लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया दिल्ली/मुम्बई। आज जब कोरोना की कैद मे पूरी दुनिया है और भारत की बात करे तो सबसे ज्यादा कोरोना का कहर देश की माया नगरी मे पड़ा है और यहा मुम्बईकर की जिन्दगी थम सी गई है। और शायद तेज भागने वाली मुम्बई ने बारिश मे भी ऐसा तांडव नही देखा होगा यह शायद मुम्बई बम ब्लास्ट के बाद की सबसे भयावह समय है इस कोरोना आतंक का। पर ऐसे मे बांद्रा का स्लम हो या मुम्बई मे और जगह जहां जरूरतमंद मदद का इंतजार कर रहे है वहां डॉक्टर अन्केश साहेत्या अपने साथियो और क्लब की मदद से खाने की व्यवस्था के लिये आर्थिक सहयोग कर रहे है। यह डॉक्टर का दूसरा रूप है एक तरफ सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए फोन और वीडियो कॉल पर अपने मरीजो को सलाह और दवाईया बता रहे है तो दूसरी तरफ खुद सबका साथ लेकर इस समय कोरोना को हराने के लिये कोई भूख से ना हार जाय उसके लिये समाज मे आगे बढ़ कर हिस्सा ले रहे है। समाज अगर साथ हो तो कोरोना का याह आतंक अपने आप खत्म हो जाएग। वैसे इस समय मुम्बई के स

अभिनय के साथ साथ समाज की जिम्मेदारी भी समझती है अभिनेत्री हर्षदा पाटिल

अभिनय के साथ साथ समाज की जिम्मेदारी भी समझती है अभिनेत्री हर्षदा पाटिल   लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया   मुम्बई। कहते है अच्छी आदतो की वजह से खूबसुरती मे चार चाँद लग जाते है और जिसकी अदा और काया मे पहले ही चांदनी बोले तो श्रीदेवी जैसी झलक हो और अदाओ मे स्मिता पाटिल और रेखा जैसी बारीकियो के मोती जडे हो ऐसी लेडी सिंघम के नाम से मराठी बाला हर्षदा पाटिल का भूखो को भोजन कराने की मुहिम मे आगे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना इस बात का गवाह है कि अभिनय के अलावा हर्षदा पाटिल के दिल मे समाज के लोगो को लेकर कैसी चेतना है।   आपको पता है कि कोरोना की कैद मे जहां एक ओर सब लोग घरो मे बैठकर लॉक डाउन मे है और सलमान खान, अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन जैसे सितारे मजदूरो और कामगारो को भोजन करा और आर्थिक सहयोग दे रहे है   वही दक्षिण भारत की बेहतरीन अदाकारा और अक्षय कुमार की पैडमैन मे काम कर चुकी हर्षदा पाटिल का यह नेकदिल कदम काबिले तारीफ है। यही जज्बा भारत की कोरोना पर जीत का पहला परिणाम है

वरिष्ठ पत्रकार उदय सिन्हा नहीं रहे

वरिष्ठ पत्रकार उदय सिन्हा नहीं रहे लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार उदय सिन्हा नहीं रहे .वे बासठ वर्ष के थे .पिछले कुछ समय से वे बीमार थे .आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली .उदय सिन्हा हिंदू ,दैनिक भास्कर, द पायनियर, सहारा समय, हरिभूमि और नॉर्थ ईस्ट टाइम जैसे अनेक हिंदी व अंग्रेजी अखबारों के संपादक तो रहे ही, टेलीविजन चैनल -'चैनल वन' के संपादक व एडवाइजर भी रहे.वे ऐसे पहले हिंदी संपादक रहे, जिनको अमरीकी राष्ट्रपति ने साक्षात्कार देने हेतु व्हाइट हाउस आमंत्रित किया था .वे अपने पीछे पत्नी ,दो पुत्र छोड़ गए। 

महावीर जयंती पर खाने के साथ बांटा हलवा प्रसाद

महावीर जयंती पर खाने के साथ बांटा हलवा प्रसाद -सेक्टर-12 में खाने के साथ हलवा प्रसाद व आधा लीटर दूध भी दिया लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया गुरुग्राम । कोरोना वायरस के बीच भगवान महावीर जयंती मनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी गई। श्रद्धालुओं ने जयंती पर सोशल डिस्टेंस तो रखा, लेकिन आमजन को महावीर जयंती पर हलवा प्रसाद वितरित करके खुशी मनाई गई। साथ में आधा लीटर दूध भी प्रति व्यक्ति दिया गया। सोमवार को खाना, दूध, हल्वा दिगम्बर जैन समाज की ओर से दिया गया। सोमवार को रोजाना की तरह यहां ओल्ड दिल्ली रोड स्थित सेक्टर-12 झुगिगयों में समाजसेवी लोग पका हुआ खाना लेकर पहुंचे। यहां खाना आवंटित करने के यहां सभी नियमों का पालन भी किया जाता है। सड़क पर पेंट से यहां सोशल डिस्टेंस के लिए गोल दायरे में निशान लगाए जाते हैं, ताकि एक-एक व्यक्ति उनमें खड़े होकर सोशल डिस्टेंस का पालन करे। यही नहीं, यहां भोजन के पैकेट ग्रहण करने वाले हर बड़े, बच्चे के हाथ सेनिटाइजर से धुलवाए गए, ताकि किसी तरह का संक्रमण या गंदगी से उनकी सेहत खराब ना हो। मानव आवाज संस्था के संयोजक एडवोकेट अभय जैन के मुताबिक रोजाना करीब 200 परिवारों के 800 लोगों क

एक करोड़ की मदद से एनएसआईसी ने पीएमकेयर  के जरिये कोरोना की जंग मे भागीदारी

एक करोड़ की मदद से एनएसआईसी ने पीएमकेयर  के जरिये कोरोना की जंग मे भागीदारी लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया दिल्ली। भारत के मिनी रत्नों मे शुमार एनएसआईसी ने एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहयोग के साथ देश का कोरोना वायरस के साथ छेड़े गये युद्ध मे अपना योगदान दिया। एनएसआईसी जो की पूरे भारत मे लघु और मध्यम उद्योग को एक बाजार, तकनीक और ग्राहको से सीधे जोडने का काम करता है और दूर दराज के गाँव तक रह रहे युवाओ को तकनीकी ज्ञान और उनकौ अपना रोजगार स्थापित करने का माहौल देता है वो भी आसान तरीके से आर्थिक सहयोग के साथ। चेयरमैन विजयेन्द्र और एनएसआईसी से जुडे सभी सदस्यो का देश के प्रति अपना विश्वास जताते हुए हर स्तिथि मे देश के साथ खडे रहने और कोरोना से जंग मे हर कदम पर साथ निभाने की कातिबद्धता  जताई।

शहर की जैन संस्थाओं ने 1100 परिवारों को लिया गोद

शहर की जैन संस्थाओं ने 1100 परिवारों को लिया गोद लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया   -विधायक सुधीर सिंगला ने आवंटित किया राशन -महावीर इंटरनेशनल स्कूल, मुस्कान केयर फाउंडेशन के बच्चों के अभिभावकों को दिया गया राशन गुरुग्राम। भगवान महावीर जयन्ती के उपलक्ष्य में शुक्रवार को यहां जैकबपुरा स्थित श्री 1008 पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर परिसर में जरूरतमंदों को राशन वितरित किया गया। शहर की जैन संस्थाओं की ओर से 1100 जरूरतमंद परिवारों को गोद लिया गया है। इस मौके पर गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। उन्होंने जैन समाज के इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे अच्छा कदम और सोच बताया। विधायक सुधीर सिंगला ने कहा कि गुरुग्राम समेत पूरा देश कोरोना के संकट से जूझ रहा है, लेकिन देशवासियों के हौंसले बुलंद है। समाजसेवियों की फौज सड़कों पर है। किसी को भी भूखा नहीं रहने दिया जा रहा। यही हमारी संस्कृति है। आपदा, विपत्ति के समय देश में, समाज में एकता दिखाई दे रही है। सदियों से हमारी इस तरह की परम्पराएं चली आ रही हैं कि हम एक-दूसरे का सदा सहयोग करते हैं। पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर जैकबपुरा के प्रध

बच्चो को पुस्तक गिफ्ट करें व उन्हें डलवाएं पढ़ने की आदत : पीयूष पण्डित

नई दिल्‍ली: किताबों में पूरी दुनिया का ज्ञान छुपा होता है, लेकिन वर्तमान समय में किसी के पास किताब पढ़ने का टाइम नहीं है. हर कोई स्मार्टफोन में बिजी नजर आता है और अ ब यही आदत बच्चों में भी आने लगी है. बच्चे किताब छोड़ स्मार्टफोन पर ज्यादा समय बिताते हैं. कहा जाता है कि किताबें हमेशा जिंदा रहती हैं और किताबों के अक्षर ज्ञान का प्रतीक हैं. किताबों से प्रेरणा लेकर इंसान किसी भी हालात का सामना कर सकता है. इसलिए बच्चों को किताबें पढ़ने की आदत डालें. 2 अप्रैल को इंटरनेशनल चिल्‍ड्रेन्‍स बुक डे के मौके पर हम बच्‍चों के लिए अलग-अलग विद्वानों द्वारा कही गईं ज्ञान की बातें बता रहे हैं जो बच्‍चों के लिए प्रेरणा बन सकती हैं. स्वामी विवेकानन्द : एक विचार लें. उस विचार को अपनी जिंदगी बना लें. उसके बारे में सोचिये, उसके सपने देखिये, उस विचार को जिए. आपका मन, आपकी मांसपेशिया, आपके शरीर का हर एक अंग, सभी उस विचार से भरपूर हो. और दुसरे सभी विचारों को छोड़ दे. यही सफ़लता का तरीका हैं. अब्राहम लिंकन : हमेशा याद रखिये कि सफलता के लिए किया गया आपका अपना संकल्प किसी भी और संकल्प से ज्यादा महत्त्व रखता है. डेल

*पहल मानवता की, दो रोटी कम खाएं दो रोटी ज्यादा बनाएं।*

लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया  भोपाल। आमिर अलवी समाज सेवा का दूसरा नाम है। यह आज रात  के वाकए से अन्दाजा लगा सकते है। आज रात 12 बजे 50-60 मजदूर भोपाल नेशनल हाईवे 12 से डिंडोरी पैदल जा रहें थें जिन्हें मिसरोद थाना क्षेत्र अंतर्गत कृष्ण पुरम के पास रोक लिया गया था, पुलिस द्वारा इन्हें मंडीदीप स्थित चौकसे गार्डन में रुकाया गया इनके पास भोजन आदि की कोई व्यवस्था नहीं थीं। जिसकी सूचना अपर आयुक्त नगर निगम श्री विनोद शुक्ला जी द्वारा NSPR के अध्यक्ष एवं समाजिक कार्यकर्ता आमिर अल्वी को दी गई सूचना मिलतें ही, तत्काल आमिर अल्वी एवं NSPR टीम के सदस्य वहां पहुंचे और रात ज्यादा होने पर सभी मौजूदा मजदूरों को राशन दिया गया। परंतु इन मजदूरों के पास कोई खांना बनाने के बर्तन नहीं होने पर रात को 1 आमिर अल्वी द्वारा वीरा स्ट्रीट स्वीट एम पी नगर के सहयोग से उन सभी गरीब मजदूरों के लिए, इतनी रात में तत्काल ही भोजन तय्यार करवाया गया और उन सभी मजदूरों को पेट भर खांना खिलवाया गया।

एक्टिंग स्कूल हैं श्रीदेवी , हेमामालिनी , रेखा और अजय देवगन , मैं हर्षदा पाटिल अभिनेत्री नहीं एक स्टूडेंट हूँ

विजय शुक्ल  लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया दिल्ली।हर्षदा पाटिल अभी उम्र के तेईसवें  साल में है और उनकी फ़िल्मी सफर में अब कई अनुभव शामिल है तो कई अनछुए गलियारे अभी उनका इन्तजार कर रहे है।  पर ना जाने ऐसा क्यों लगा कि वो उतनी ही बेबाक है जितनी कंगना रनौत  और उतनी ही संजीदा और हाजिरजबाब जितनी रेखा।  उनकी खिलखिलाती नॉनस्टॉप हंसी मानो जैसे श्रीदेवी का चांदनी का किरदार सामने बैठा हो.आज मैंने जाना कि श्रीदेवी , नरगिस जी , रेखा जी का संजीदा अभिनय और अजय देवगन की बेहतरीन एक्टिंग का राज उनका किरदार की असलियत जिंदगी में जीना है वो समाज के दर्द को समझते है वो स्क्रिप्टेड एक्टिंग के स्टूडेंट की तरह नहीं है ऐसा मई नहीं मेरा अनुभव कह रहा है क्योकि मैं एक्टिंग करती हूँ पर वक़्त काम होने के कारण एक्टिंग की इन बड़ी हस्तियों को देख काम पाती थी अब चूंकि लॉक डाउन है तो थोड़ा वक़्त मिला सबको देखने का और यकीन मानिये यह सभी किरदार अपने अपने बेहतरीन अभिनय के बेताज बादशाह है चाहे वो गंगाजल में अजय देवगन का अभिनय हो जिसमे वो पुलिस वाले बने है या फिर सिंघम हो कॉमेडी एक्शन और संजीदगी का सही प्रयोग है और जब मैं इंडस्ट्री की महा

करिश्माई नेता है मोदी जी वर्ना यूं ही नही कोई दिलों पर राज करता

लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया (दिल्ली आश्रम मे राशन के चक्कर मे लॉक डाउन को डाउन करते दिल्ली वाले) दिल्ली। जनता कर्फ्यू और ताली थाली पीटते लोगो पर मैने भी लिखा की हमे हेल्थ इन्फ्रा और अस्पताल चाहिये और मैने पढा कैसे कयी बड़े बड़े लोगो ने लिखा की अब नेहरु वाले अस्पताल ही काम आ रहे है लगा मानो सब मोदी जी ने बेकार और बर्बाद कर दिया हो और फिर आगे जब लॉक डाउन हुआ और गरीब मजदूरो को भागते देखा। दो जून की रोटी ना मिलने के डर से कर्फ्यू मे कैद हुए कारखानो, मकानो और दुकानो से छिन गये काम को लेकर चिंतित बिना चप्पल वाले कदमो को बोरियो मे अपनी दुनिया जहां लपेटे अपने अपने गाँव भागते इन लोगो को देखा तो मैने भी बोला कि यह बोरियो मे भरकर बीमारी अपने गाँव ले जा रहे हैं पर मैने एक बात पर फक्र मह्सूस किया है वो है मोदी जी की सोशल कनेक्शन की बेजोड़ पकड़ पर। यह मोदी जी की करिश्माई लीला ही है वर्ना किसी की मजाल नही की वो  जनता कर्फ्यू की अपील करे और पूरा भारत पाच बजे पाच मिनट ताली थाली पीटता और शंख बजाता नज़र आये। यह मोदी और लोगो के मन मे बैठा उनके प्रति आत्म विश्वास है। पूरा भारत साथ हुआ और उसके बाद मोदी जी ने लॉक डाउन