आज 25 अप्रैल 2020 को भगवान परशुराम जयंती तो कल 26 अप्रैल 2020 को अक्षय तृतीया पर्व
पण्डित विनय शर्मा
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
हरिद्वार। आज ब्राह्मण शिरोमणि परशुराम जी की जयंती है और ब्राह्मण धर्म जो कि जन कल्यान का धर्म है और यह धर्म हर कोई मानता है बिना लाग लपेट के। पर कल यानी इस वर्ष रविवार, 26 अप्रैल 2020 को *अक्षय तृतीया का पर्व* मनाया जाएगा। इस वर्ष वैशाख माह के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि शनिवार 25 अप्रैल को दोपहर करीब 12:05 पर शुरू होगी और अगले दिन रविवार को दोपहर 1:25 तक रहेगी। लेकिन सूर्योदय व्यापिनी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग 26 अप्रैल को होने से धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी दिन अक्षय तृतीया पर्व मनाया जाना चाहिए।
अक्षय तृतीया से जुड़ी खास बातें
अक्षय तृतीया पर्व पर तीर्थों और पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। स्नान के बाद जरूरतमंद लोगों को दान दिया जाता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और उनके अवतारों की विशेष पूजा की जाती है। पितरों के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं।
अक्षय तृतीया के शुभ दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
-भगवान को चने की दाल, मिश्री, खीरा और सत्तू का भोग लगाने की परंपरा है। ब्राह्मणों को जौ दान करना चाहिए। इस दिन पानी से भरे मटके, गेहूं, सत्तू और जौ का दान करने का विशेष महत्व है ।
मान्यता है कि इस दिन किए गए दान-पुण्य से मिलने वाले फल अक्षय होता है यानी ये पुण्य हमेशा साथ रहता है।
-इस तिथि पर सोना-चांदी खरीदना शुभ माना गया है। देवताओं की प्रिय और पवित्र धातु होने से इस दिन सोने की खरीदारी का महत्व ज्यादा है।
-सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत भी इसी तिथि से हुई है, ऐसी मान्यता प्रचलित है। भगवान परशुराम का अवतार भी इसी दिन हुआ है। बद्रीनाथ के पट भी अक्षय तृतीया पर ही खुलते हैं।
-अक्षय तृतीया पर सूर्य और चंद्र अपनी-अपनी उच्च राशि में रहते हैं, इस वजह से इस तिथि पर बिना मुहूर्त देखे विवाह किए जा सकते हैं।
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