बिग ब्रेकिग ......हरिद्वार गायत्री शान्तिकुन्ज परिवार प्रमुख पर रेप छत्तीसगढ़ की युवती ने दस साल बाद लगाया रेप का आरोप
हरिद्वार गायत्री शान्तिकुन्ज परिवार प्रमुख पर रेप छत्तीसगढ़ की युवती ने दस साल बाद लगाया रेप का आरोप
पंडित विनय कुमार शर्मा
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
हरिद्वार। अभी अभी खबर आ रही है कि शान्तिकुंज हरिद्वार के प्रमुख इस लॉक डाउन मे लॉक होने के कगार पर है वो भी छत्तीसगढ़ की एक युवती के साथ रेप के केस मे। यह बड़ी खबर है जो कि हरिद्वार का माहौल बदलते मौसम मे गर्म कर सकती हैं। यह वही प्रणव पांड्या हैं जिन्होने मोदी जी द्वारा राज्य सभा की सदस्यता नामित करने पर उसको लेने से भी इन्कार कर दिया था। राजनीतिक रसूख वाली यह प्रतिभा उस शान्तिकुंज परिवार का नेतृत्व करती है जो दुनिया भर मे करोडो भक्त रखती हो।
FIR की कॉपी
पुलिस को दर्ज बयान की माने तो पीड़िता ने कहा कि साल 2010 में जब वह 14 साल की थी तो 19 मार्च 2010 को गांव के एक व्यक्ति के संग हरिद्वार पहुंची। जहां शांतिकुंज गायत्री परिवार में अच्छा भोजन, साधना, पढ़ाई और शादी का बहाना देकर चौके में भोजन व्यवस्था का काम दिलाया। 21 मार्च 2010 को उसे भोजन और प्रसाद बनाने के लिए रखा गया था।
पीड़िता के मुताबिक जुलाई 2010 को वह शांतिकुंज के प्रमुख को कॉफी देने कमरे में गई। उसी दौरान आरोप हैं कि कमरे का दरवाजा बंद कर पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया गया। पीड़िता के मुताबिक इस घटना के एक सप्ताह बाद फिर उसके साथ दुबारा दुष्कर्म किया गया और धमकी देकर किसी से घटना का जिक्र नहीं करने को कहा। लेकिन हिम्मत करके घटना की जानकारी दी तो मुंह बंद करने की धमकी दी गई।
पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि घटना के बाद उसकी तबीयत खराब रहने लगी। इलाज के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ तो 2014 में उसे वापस घर भेज दिया गया। स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद उसको दुबारा हरिद्वार बुलाया गया। लेकिन उसने जाने से इनकार कर दिया। 2018 में इस घटना को लेकर शिकायत दर्ज कराने का प्रयास करने की जानकारी प्रमुख को होने के कारण उन्होंने फोन पर धमकी दी थी कि तुम्हारी शिकायत से कुछ नहीं होगा।
लॉक डाउन के दौरान दिल्ली मे 7 अप्रैल को इस युवती ने प्रधानमंत्री और महिला आयोग को ईमेल द्वारा इसकी जानकारी दी और इसकी जीरो एफआइआर भी दर्ज करवाई है।
पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि निर्भया के दोषियों को जब सजा मिलने के कारण उसका हौसला बढ़ा और कानून पर यकीन भी । पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि पुण्य कर्मो की आड़ में वहां पर लड़कियों के साथ गन्दा काम किया जा रहा है। अब देखना यह हैं कि क्या गायत्री शान्तिकुंज प्रमुख का हाल भी आशाराम बापू जैसा होगा या फिर यह स्वामी चिन्मयानंद जैसा होगा। यह तो वक़्त ही बतायेगा।
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