उत्तर प्रदेश के कामगारों की सबसे ज्यादा दुर्दशा गुजरात में
- मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से हस्तक्षेप कर मदद पहुंचाने की अपील
- अन्य राज्यों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी नही दे रहे रिस्पॉन्स
रागिनी विशेष
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
सोनभद्र।पूर्वांचल नव निर्माण मंच के उपाध्यक्ष गिरीश पाण्डेय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से शिकायत करते हुए बताया कि सूरत आदि जगहों से चार-पांच सौ किलोमीटर पैदल चलकर मध्यप्रदेश झाबुआ बार्डर पर पहुंचने वाले उत्तर प्रदेश के कामगारों के लिए बार्डर पर रुकने खाने-पीने का इंतजाम करने की बजाय गुजरात सरकार बसों में बैठाकर फिर सौ दो सौ किलोमीटर पीछे ले जाकर छोड़ने का काम कर रही है। जो दुर्भाग्यपूर्ण तथा अमानवीय व्यवहार है। इससे कामगारों का रोष बढ़ता जा रहा है ।
गिरीश पाण्डेय ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अन्य राज्यों मे फंसे कामगारों तथा छात्रों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों द्वारा ना तो फोन उठाया जा रहा है और ना ही व्हाट्स्अप का ही जवाब दिया जा रहा है, जिससे फंसे लोगों तथा उनके परिजनों में आने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है ।
गिरीश पाण्डेय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से गुजरात राज्य मे फंसे उत्तर प्रदेश के कामगारों की व्यवस्था रहने खाने-पीने की सुनिश्चित कराने की मांग के साथ साथ अन्य राज्यों मे फंसे लोगों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाने की मांग करते हुए कहा कि कोरोना संकट से निपटने के लिए किए गए लाॅकडाउन के कारण बाहर फंसे लोगों के पास आर्थिक संकट भी बढ़ता जा रहा है जिससे कुछ कामगारों द्वारा यात्रा टिकट लेने की भी समस्या बनी हुई है ऐसे लोगों के लिए निःशुल्क यात्रा व्यवस्था कराये जाने की मांग भी गिरीश पाण्डेय ने की ।
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