महाविद्यालय में हर्षोल्लास से मनाई गई महर्षि बाल्मीकि एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल जयन्ती
महापुरूषों के विचारों को आत्मसात कर,पदचिन्हों पर चलना ही जयन्ती का मूल उदेश्य--डॉ प्रमोद कुमार
त्रिरत्न शुक्लेश
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया
ओबरा,सोनभद्र। नगर के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ओबरा में शनिवार को देश के पहले उपप्रधानमंत्री व गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती एवं रामायण महाकाव्य के रचयिता महर्षि बाल्मीकि जयन्ती बड़े ही हर्षोल्लास से मनाई गई।
कार्यक्रम का शुभारम्भ सभी ने संयुक्त रूप से महापुरूषों के प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित करके किया।तत्पश्चात विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने दोनो महापुरुषों के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डाला।गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रमोद कुमार ने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल एवं महर्षि बाल्मीकि जी को हम सभी जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते है लेकिन सच्ची श्रद्धा,सुमन, सम्मान और जयन्ती तब हो जब हम उनके विचारों को आत्मसात करें एवं उनके पद चिन्हों पर चलने का प्रयास करें साथ ही कहा कि महर्षि बाल्मीकि जी ने रामायण जैसे ग्रन्थ की रचना की।
रामायण ग्रन्थ हमारे देश विदेश समाज को एक दिशा देने वाला ग्रन्थ है।इसलिए रामायण में दिए हुए संदेशों को वाचन करना ही पर्याप्त नही है बल्कि इसके साथ साथ इन संदेशों को अपने आचरण एवं व्यवहार मे अमल करें एवं उसको अपने जीवन मे उतारें।साथ ही सरदार वल्लभ भाई पटेल के 145 वी जयन्ती पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि सरदार पटेल जी की जो सोच,त्याग, बलिदान देश भक्ति,चिन्तन के वजय से ही देश को एकता का स्वरुप मिला जोसमाज के उत्थान में सार्थक साबित हुआ।इसी क्रम में डॉ विनोद बहादुर सिंह ने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल एक महान व्यक्तित्व, प्रतिभावान व दृढ़ इच्छा के स्वामी थे और इनमें वो कर्मठता थी कि इनके एक बार आवाहन करने से विगड़ी स्थितियां सुधर जाती थी।वही प्राध्यापक डॉ किशोर कुमार सिंह ने कहा कि सरदार जी को सरदार इसलिए कहा कि इनके नेतृत्व की जो क्षमता थी वो गांधी जी के सभी आंदोलन को सार्थक बनाने में सफल साबित होती थी साथ ही इन्होंने 562 अलग अलग रियासतों को एक किया।गोष्ठी में डॉ संतोष कुमार सैनी डॉ अमूल्य कुमार सिंह ने महर्षि बाल्मीकि एवं सरदार बल्लभ भाई पटेल के जीवन शैली,एवं उनके व्यक्तित्व पर विस्तृत प्रकाश डाल महापुरुषों के विचारों पर प्रकाश डाला।
गोष्ठी का सफल संचालन डॉ राधाकान्त पाण्डेय ने अपने साहित्यिक उदबोधन के साथ किया।इस अवसर पर डॉ विकास कुमार,डॉ ज्ञानेंद्र कुमार सिंह,प्रमोद कुमार केशरी,महेश कुमार पाण्डेय एवं पटेल स्मृति केंद्र ओबरा के धनराज सिंह,जेसी विमल,अजय सिंह सहित महाविद्यालयी छात्र-छात्रा उपस्थित रहें।
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