गणेश कुमार वैद
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया
हरिद्वार । सरकारी हेलीकॉप्टर से बागेश्वर पहुंचे भाजपा के नए नवेले प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को प्रोटोकॉल से बाहर जाते हुए गार्ड आफ आनर दिए जाने का मामला वायरल होते ही पर विपक्ष सहित कई लोगो ने सवाल खड़े कर दिए । मामले ने जैसे ही तूल पकड़ा अफसरों को तो जैसे सांप सूंघ गया हो ।अब मिलकर सभी लीपापोती में जुट गए । वैसे तो गार्ड ऑफ आनर जैसा सम्मान महामहिम,मुख्यमंत्री या फिर किसी वरिष्ठतम सैनी अधिकारियों को ही दिया जाता है परन्तु उत्तराखंड में गंगा उल्टी बहा दी गई और सत्ता छोड़ संगठन की डोर थामे मदन सरकारी सुविधा का उपभोग करते हुए बागेश्वर पहुंचे तो उन्हें गार्ड आफ़ आनर दिया गया जिसकी तस्वीरे स्वयं मदन कौशिक की ओर से सोशल मीडिया पर सांझा की गई परन्तु जैसे ही ये लोगो तक पहुंची तो मामला बढ़ता गया और अब अधिकारीगण अगले बगले झांकने लगे व लग गए लीपापोती के पुराने ढर्रे पर ।
नियमों के मुताबिक, किसी भी पार्टी के अध्यक्ष को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जाता है. एसपी अमित श्रीवास्त ने कहा कि सुरक्षा कारणों से पुलिस हैलीपैड पर भेजी गई थी. गार्ड ऑफ ऑनर देने का कोई सवाल नहीं था. पुलिस लाइन में जो आरआई थे, वह छुट्टी पर हैं. प्रभारी आआई ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया है. पूरे मामले में जांच बैठा दी है. जिसकी भी गलती होगी कार्यवाही की जाएगी.
कांग्रेस के पूर्व विधायक ललित फसर्वाण का कहना है कि प्रदेश में नौकरशाह पूरी तरह से तानाशाही में उतर आए हैं. उसी का उदाहरण भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को जिले के दौरे पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाना है. किसके इशारों पर यह हुआ है इसकी जांच होनी चाहिए.
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