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पोषाहार वितरण में लापरवाही की शिकायत पर मौके पर पहुंचे विभागीय अधिकारी : आंगनवाड़ी हुई कार्य मुक्त

अरविन्द गुप्ता  लोकल न्यूज़ ऑफ़ इंडिया  बीजपुर/सोनभद्र: विकास खण्ड म्योरपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत जरहा टोला दिघुल में तत्कालीन आंगनवाड़ी कार्यकत्री श्रीमति जावित्री दुबे द्वारा नियमित पोषाहार वितरण नहीं किए जाने की शिकायत पुष्टाहार विभाग को लंबे समय से मिल रहा था कि एक बार पुनः दिघुल के लाभार्थियों व ग्रामीणों द्वारा लिखित शिकायत विभाग को भेजा गया जिसकी शिकायत पर 31अगस्त दिन रविवार पूर्वाह्न 11 बजे विभागीय अधिकारी (सी.डी.पी.ओ.म्योरपुर) औचक निरीक्षण के लिए उनके जरहा 5 आंगनबाड़ी केंद्र बरडाड पर पहुंचे तो मौजूदा लाभार्थियों ने इनकी घोर लापरवाही का पूरा दस्तूर सुनाया तथा मौके पर अधिकारी ने देखा कि आंगनबाड़ी जावित्री दुबे द्वारा बरडाड केंद्र पर वितरण हो रहा चने के दाल में पूरी तरह से घुन लगे हुए थे सी. डी. पी. ओ. ने रजिस्टर चेक किए तो रजिस्टर में वितरित नाम 48 थे जबकि मौके पर 38 लाभार्थी ही मिले जिस पोषाहार को शासन द्वारा कुपोषण से बचाने के लिए बच्चों व गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क वितरण कराया जाता रहा है वही पोषाहार जमीनी स्तर से पशुओं को खाने के योग्य भी नहीं पाया गया जिससे विभागीय...

कुल्लू अस्पताल में अज्ञात नेपाली मूल के व्यक्ति की मौत, पहचान के लिए कुल्लू पुलिस की अपील

  रघुबीर सिंह राणा  लोकल न्यूज ऑफ इंडिया  कुल्लू, 24 अगस्त। क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में उपचार के दौरान एक अज्ञात व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान पूरण (आयु लगभग 45–50 वर्ष) के रूप में बताई जा रही है, जो नेपाली मूल का माना जा रहा है। पोस्टमार्टम के बाद शव कुल्लू शवगृह में सुरक्षित रखा गया है। मृतक की लंबाई लगभग 5 फीट 6 इंच है, शरीर सामान्य तथा बाल काले और सफेद मिश्रित बताए गए हैं। पुलिस ने जनता से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति शव की पहचान कर सके या उससे संबंधित कोई जानकारी रखता हो, तो तत्काल दूरभाष संख्या **01902-273766** पर सूचित करें।

रक्षाबंधन का पर्व

  पंडित विनय शर्मा  लोकल न्यूज ऑफ इंडिया  हर साल सावन पूर्णिमा के दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व राखी या रक्षा बंधन मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान कर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं। वहीं, पूजा के बाद बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। वहीं, भाई अपनी बहनों को गिफ्ट देते हैं। साथ ही सुख और दुख में साथ देने का वचन देते हैं। *रक्षा बंधन शुभ मुहूर्त* वैदिक पंचांग के अनुसार, 08 अगस्त को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर सावन महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, 09 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 24 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी। हालांकि, 08 अगस्त को भद्रा दोपहर 02 बजकर 12 मिनट से 09 अगस्त को देर रात 01 बजकर 52 मिनट तक है। इसके लिए 08 अगस्त के बदले 09 अगस्त को राखी का त्योहार मनाया जाएगा। भद्रा के धरती पर रहने के दौरान शुभ काम नहीं किया जाता है। इसके लिए भद्रा का साया रहने पर रक्षा बंधन का त्योहार अगले दिन मनाया जाता है। *राखी बांधने का सही समय* 09 अगस्त को राखी बांधने का सही समय सुबह 05 बजकर 21 मिनट से लेकर द...

रोटरी क्लब जम्मू सिटी में नेतृत्व का नया अध्याय, रोटेरियन राजेश शर्मा बने अध्यक्ष

प्रिया बिष्ट  लोकल न्यूज ऑफ इंडिया  जम्मू. रोटरी क्लब ऑफ जम्मू सिटी ने अपने वार्षिक *प्रेसिडेंशियल इंस्टॉलेशन समारोह* के साथ नेतृत्व और सेवा के एक नए अध्याय की शुरुआत की। इस गरिमामय कार्यक्रम में रोटरी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रोटेरियन रोहित ओबेरॉय और जम्मू के संभागीय आयुक्त श्री रमेश कुमार (आईएएस) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। दोनों विशिष्टजनों ने संयुक्त रूप से क्लब के नवनियुक्त अध्यक्ष रोटेरियन राजेश शर्मा का औपचारिक रूप से कार्यभार ग्रहण समारोह संपन्न कराया। पूर्व अध्यक्ष रोटेरियन शिवांगी गुप्ता ने गरिमामयी परंपरा के अनुसार अध्यक्ष पद का कार्यभार रोटेरियन राजेश शर्मा को सौंपा। रोटेरियन राजेश शर्मा एक प्रतिष्ठित उद्यमी एवं सम्मानित नेतृत्वकर्ता हैं। वे पूर्व में *फिक्की* (भारतीय उद्योग व वाणिज्य महासंघ) और *सीआईआई* (भारतीय उद्योग परिसंघ) के अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। समारोह में क्लब के प्रमुख सदस्यों — संजीव वैद, अमित गुप्ता, अरविंद कोटवाल, अरुण निनावत, केके शर्मा, निर्मल महना, कमल शर्मा, डॉ. ज्योति कौर, ऋतिका महाजन, आभा सुंदरन, जीएन टंटरे, गुरजीत सिंह —...

थलसेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने द्रास में कारगिल विजय दिवस समारोह में वीर शहीदों को दी श्रद्धांजलि, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को बताया निर्णायक विजय

विजय शुक्ल  लोकल न्यूज ऑफ इंडिया  द्रास (लद्दाख).थलसेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आज कारगिल युद्ध स्मारक, द्रास में आयोजित **26वें कारगिल विजय दिवस समारोह** में शिरकत करते हुए भारत के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और राष्ट्र को उनकी बलिदान भावना की याद दिलाई। अपने चौथे लगातार दौरे में, जिसमें वे पहले नॉर्दर्न आर्मी कमांडर और अब थलसेनाध्यक्ष के रूप में उपस्थित रहे, जनरल द्विवेदी ने इस ऐतिहासिक भूमि पर खड़े होकर कहा, > "यह केवल एक सैन्य आयोजन नहीं, अपितु पूरे राष्ट्र का पर्व है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि देश की सीमाओं के भीतर किसी भी कुटिल मंशा को भारत कभी स्वीकार नहीं करेगा।" जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन विजय (1999) के बलिदान को नमन करते हुए हाल ही में भारतीय सेना द्वारा किए गए **‘ऑपरेशन सिंदूर’** की सफलता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि > "ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाक-समर्थित आतंकवादी ढांचे को सटीकता से निशाना बनाया और बिना किसी नागरिक हानि के 9 उच्च-मूल्य आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर निर्णायक संदेश दिया — आतंकवाद को समर्थन देने वाले अब नहीं बचेंग...

द्रास की वादियों में राष्ट्रभक्ति की गूंज : माइ भारत पदयात्रा से मनाया गया कारगिल विजय दिवस

विजय शुक्ल लोकल न्यूज ऑफ इंडिया द्रास लद्दाख . सियाचिन की गोद में बसे वीरभूमि द्रास में आज का सूरज कुछ अलग उगा। यह दिन सिर्फ एक तारीख नहीं थी, बल्कि एक जीवंत स्मृति थी — उन शहीदों की, जिनकी बहादुरी और बलिदान ने 25 साल पहले कारगिल युद्ध में भारत की अस्मिता की रक्षा की थी। इस ऐतिहासिक अवसर पर, भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की पहल माइ भारत द्वारा एक विशेष श्रद्धांजलि पदयात्रा का आयोजन किया गया, जिसने द्रास की बर्फीली घाटियों में देशभक्ति की नई लहर दौड़ा दी। पदयात्रा की शुरुआत हिमाबस पब्लिक हाई स्कूल, द्रास से प्रातः 6 बजकर 30 मिनट पर हुई, जिसे केंद्रीय मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने झंडी दिखाकर रवाना किया। उनके साथ रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ भी मौजूद रहे। दोनों नेताओं ने शहीदों को नमन करते हुए युवाओं के साथ कुछ दूर तक पैदल चलकर देशप्रेम का संदेश दिया। डॉ मांडविया ने अपने संक्षिप्त लेकिन भावुक संबोधन में कहा कि द्रास वो धरती है जहाँ पत्थरों में भी शौर्य की गूंज है। यहां तिरंगे के नीचे हर सांस एक सैनिक के बलिदान को महसूस करती है। इस पदयात्रा के माध्यम से हम युवा पीढ़ी को ...

कारगिल से करुणा तक: युद्ध स्मारक ने द्रास को कैसे बदल दिया — एक 25 वर्षों की सामाजिक यात्रा

दुश्मन से नहीं, बेरोजगारी, अलगाव और वीरानी पर विजय पाने का जीवंत उदाहरण है "कारगिल वार मेमोरियल" डॉ विजय शुक्ल  लोकल न्यूज ऑफ इंडिया  1999 की जून-जुलाई की वो रातें द्रास में सिर्फ हिमपात या बंदूकें नहीं बरसा रही थीं — वे एक ऐसी गाथा लिख रही थीं, जो आने वाले वर्षों में न केवल सैनिकों के सम्मान की दीवार बनेंगी, बल्कि एक बर्फ़ीले वीरान कस्बे को भारत के राष्ट्र-चेतना के मानचित्र पर अंकित कर देंगी। द्रास, लद्दाख का वह छोटा सा शहर, जो कभी भारत का दूसरा सबसे ठंडा इलाका कहलाने के अलावा बहुत कम जाना जाता था — 1999 के बाद सिर्फ तापमान नहीं, तक़दीर से भी पहचाना जाने लगा। लेकिन यह बदलाव कोई जादू की छड़ी से नहीं हुआ। यह 25 सालों की एक सधी हुई सामाजिक-सैन्य यात्रा का नतीजा है, जो आज भी जारी है। 1999-2002: युद्ध के बाद वीरानी और शोक जब युद्ध थमा, तब द्रास में शांति से ज्यादा सन्नाटा था। हर ओर जली हुई चौकियाँ, टुकड़ों में बिखरे मोर्चे, और डर से खाली हुए घर। स्थानीय लोग, जिन्होंने युद्ध के दौरान गांव छोड़ दिए थे, लौट तो आए, लेकिन आर्थिक और मानसिक स्थिति जर्जर थी। सेना ने युद्ध में शही...