सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

राजनीति-व्यापार-सिनेमा-समाज-खेती बारी लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

क्या खालिस्तान विचारधारा को बढावा नही दे रहे मीडिया को गरियाने वाले भाजपा महासचिव मल्विन्दर सिंह कंग

क्या खालिस्तान विचारधारा को बढावा नही दे रहे मीडिया को गरियाने वाले भाजपा महासचिव मल्विन्दर सिंह कंग विजय शुक्ल लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया दिल्ली। संघ और भाजपा ने मोदी के नेतृत्व मे देश को राष्ट्रवादी सोच से ना सिर्फ लबरेज किया बल्कि कश्मीर , तीन तलाक और राम मंदिर जैसे मुद्दे को पुलवामा से मिली जीत के बाद देश को सौगात मे दिया। पूरे देश मे माहौल सिर्फ और सिर्फ मोदी मय और शाह वाला नया भारत बनाने वाला दिख रहा। पर पंजाब मे एक नयी और अलग बयार बह रही है और वो भी खुद भाजपाई प्रदेश महासचिव मल्विन्दर सिंह कंग फैला रहे है जो मौजूदा पंजाब के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के करीबी माने जाते है और शायद यही वजह है कि अपने मंसूबे को वो खुलकर अपने सोशल प्लेटफ़ार्म पर साझा करते है सिवाय संघ और भाजपा के किसी भी एजेण्डे के। हां उनका सीधा और सपाट एजेंडा है खालिस्तान समर्थको की प्रोफाइल को अपने पेज पर साझा करना यह जानते हूए भी कि यह सब भाजपा और संघ को गाली देने वाले है और भारत के खासकर पंजाब के टूकड़े टूकड़े करने पर आमादा है। अखंड भारत को तो दिवास्वप्न तक कहने वाले ऊढूके की पोस्ट तो मानो इनकी गीता हो।    सिख विचारधारा को

इस लॉक डाउन मे 15 कलाकार काल के गाल मे समा गये

इस लॉक डाउन मे 15 कलाकार काल के गाल मे समा गये दीपक चौहान लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया   अलविदा कहना कभी भी आसान नहीं होता, खासकर तब जब हम किसी को बहुत ज्यादा प्यार करते हों, पसंद करते हों या फिर अपना मानते हो। रविवार को जब सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी की खबर आई, तो हर कोई सन्न रह गया। किसी को भरोसा नहीं हुआ कि महज 34 साल की उम्र में सुशांत जैसा उभरता हुआ कलाकार इतना बड़ा कदम उठा लेगा। लेकिन, कोरोना वायरस की महामारी के बीच पिछले 46 दिनों में टीवी और फिल्मी दुनिया के ऐसे ही 15 कलाकार हमें अलविदा कह गए, जिन्होंने अपने अभिनय के जरिए लोगों के दिलों में अपनी एक खास जगह बनाई थी। इरफान खान  लॉकडाउन के बीच 29 अप्रैल को जब खबर आई कि इरफान खान हमें छोड़कर चले गए हैं, तो हर किसी को लगा कि ये एक अफवाह है। पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित और बॉलीवुड के सबसे टैलेंटेड कलाकारों में गिने जाने वाले इरफान खान को कोलोन इन्फेक्शन के कारण मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। 'मकबूल', 'लाइफ इन ए मेट्रो', 'द लंच बॉक्स', 'पीकू', 'हिंदी मीडियम', '

हीरे से भी खूबसूरत है रंगीला राजा मे गोविंदा की को स्टार हर्षदा पाटिल और उनका अभिनय तो है बेजोड़ और बेमिसाल

हीरे से भी खूबसूरत है रंगीला राजा मे गोविंदा की को स्टार हर्षदा पाटिल और उनका अभिनय तो है बेजोड़ और बेमिसाल विजय शुक्ल लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया  "वैसे तो हीरा सबसे खूबसूरत होता है लेकिन तुम्हें हीरा पहनाने के बाद लगता है कि मुझे इससे ज्यादा खूबसूरत कोई मिल गया है "  यह डायलॉग गोविंदा ने जब अभिनेत्री हर्षदा पाटिल के लिए रंगीला राजा में बोला था तो शायद या गलत नहीं था क्योंकि अभिनेत्री हर्षदा पाटिल के हुस्न ने दक्षिणी फिल्मी दुनिया और मराठी फिल्मी दुनिया में अपना बेमिसाल दबदबा बना रखा है और अगर हम बात करें पैडमैन की और रंगीला राजा की तो इन सब में हर्षदा का अभिनय और उनका किरदार कम समय में जानदार और धारदार हैं। रंगीला राजा अगर आपने देखी हो तो जिस समय हर्षदा पाटिल की एंट्री सपना के किरदार में गोविंदा के सामने होती है तो उनके चलने का स्टाइल और गोविंदा से बात करने का उनका तरीका अपने समय की बेहतरीन अदाकारा श्रीदेवी, हेमा मालिनी और पूनम ढिल्लों को मात देता दिखता है। हर्षदा की डायलॉग डिलीवरी बिल्कुल बेहतरीन है क्योंकि जो अल्फाज और जो चेहरे की उनकी अपनी बनावट है उस किरदार के ऊपर, बिल्कुल असल

मातृका विवेक साहित्यिक मंच की ऑनलाइन काव्य संध्या और गोष्ठी संपन्न

मातृका विवेक साहित्यिक मंच की ऑनलाइन काव्य संध्या और गोष्ठी संपन्न लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया  दिल्ली ।मातृका विवेक साहित्यिक मंच जो हिंदी भाषा और आंचलिक बोलियों के उत्थान हेतु प्रतिबद्ध है की काव्य संध्या और गोष्ठी ,समूह की संस्थापिका एवं अध्यक्ष सुश्री प्रीति हर्ष की अध्यक्षता में संपन्न हुई। समूह की संचालिका सुश्री आरती तिवारी 'सनत' एवं सचिव सुश्री नीलिमा शर्मा नित्या जी के मार्गदर्शन में कार्यक्रम का संचालन सुश्री वीणा आडवाणी जी ने किया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सुधीर जौहरी जी (इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्री) प्रबंधक ,उत्पादक ने पूना से कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती वंदना से किया गया।कार्यक्रम में काव्य पठन हेतु देश भर के सात प्रदेशों से लगभग पच्चीस वरिष्ठ कवि और कवयित्रीयों ने प्रतिभागिता की। सोनू कुमार मिश्रा, रेखा ताम्रकार, वीना आडवानी, शशिकांत श्रीवास्तव, गरिमा सिंह, नीलिमा शर्मा नित्या, कल्पना सेठी, सुधा शर्मा, कविता उपाध्याय, शैल जौहरी, अनिता मंदिलवार, रश्मि सुमन, रचना सक्सेना, निकेश साहू, रविंद्र स्वधा उत्कर्षिता , अंजू कुलश्रेष्ठ, किरन खत्री , रेनू म

एक विद्रोही का ऐसे असमय जाना !

एक विद्रोही का ऐसे असमय जाना ! अंबरीश कुमार अजीत जोगी अचानक ऐसे चले जाएंगे यह उम्मीद तो नहीं थी .अपना नाता दो दशक से पुराना रहा .इंडियन एक्सप्रेस ने सन 2000 में छतीसगढ़ राज्य बनने के बाद मुझे ब्यूरो के वरिष्ठ संवाददाता की जिम्मेदारी देकर भेजा था .नया राज्य आकार ले रहा था .राजनैतिक गतिविधियां भी तेज थी .विद्याचरण शुक्ल जैसे कांग्रेसी दिग्गज रायपुर में ही रहते थे .उनका दबदबा था और वे मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार थे .कांग्रेस के सामने भी बड़ा संकट था इस नए राज्य का नेतृत्व तय करने का .इस बीच इंडियन एक्सप्रेस में मैंने रायपुर से एक खबर दी कि मुख्यमंत्री अजीत जोगी बन सकते हैं .खबर में छतीसगढ़ के सामाजिक समीकरण और अजीत जोगी के सतनामी समाज के संबंध का भी हवाला था .यह खबर उस समय आई जब छतीसगढ़ में मीडिया विद्याचरण शुक्ल को भावी मुख्यमंत्री मान चुका था .अजीत जोगी दिल्ली में कांग्रेस के प्रवक्ता थे वे रायगढ़ से सांसद भी थे .पर मुख्यमंत्री पद की दौड़ में उन्हें मीडिया बहुत गंभीरता से नहीं ले रहा था .अपना संवाद उनसे पहले से था .इस खबर को लेकर जब उनसे बात की तो उन्होंने कोई टिपण्णी करने से मना कर दि

आखिर ठप्प पड़ी फिल्मी दुनिया को क्या मिलेगा आर्थिक पैकेज- अभिनेत्री हर्षदा पाटिल

आखिर ठप्प पड़ी फिल्मी दुनिया को क्या मिलेगा आर्थिक पैकेज- अभिनेत्री हर्षदा पाटिल लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया दिल्ली। अभिनेत्री हर्षदा पाटिल ने फिल्मी दुनिया का जिक्र करते हुए कहा कि देश भर में पूरी की पूरी फिल्मी दुनिया में बड़ा बदलाव आया है। तकनीकें सुधरी है डिस्ट्रीब्यूशन का तरीका बदला है और इसी दौरान बदली है दर्शकों की च्वाइस। अब जब कोरोना की मार में सारी इंडस्ट्रीज रो रही हैं तो इससे फिल्मी दुनिया कैसे अछूती रहेगी। मुझ जैसे कई स्टार और अगर हम स्ट्रगलर की बात करें, न्यू कमर की बात करें तो उनकी तो कोरोना ने कमर ही तोड़ दी है और यह संख्या एक दो नहीं हजारों लाखों में है। अब आप जरा सोचिए कि जिनको रोज काम मिलता था उनका काम इस लॉक डाउन में पूरी तरीके से ठप्प हो ऊपर से उनके अपने खर्चे और रखरखाव की चीजें हावी हो तो किस तरीके से गुजारा करेंगे।   हाल फिलहाल के वर्षों में टेलीविजन व फिल्म उद्योग का बहुत विस्तार हुआ है। अब व्यवसाय करने की क्षमता या दर्शकों तक पहुंच के मामले में यह अपने साथ के अन्य उद्योगों से कमतर नहीं रह गया। इसके विस्तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जो फिल्म स्टार या मे

HAPPY BIRTHDAY HARSHADA! ऐसा लगा जैसे मेरा बचपन वापस आया आज मेरे जन्मदिन पर, यह पल दुनिया का सबसे हसीन रहा- अभिनेत्री हर्षदा पाटिल

HAPPY BIRTHDAY HARSHADA PATIL!   विजय शुक्ल लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया  पुणे/दिल्ली। एक तरफ कोरोना की कैद मे जहाँ मानो पूरी दुनिया कैद मे हो गई हो वही दूसरी ओर इस लॉक डाउन ने हमे अपने लिये और अपनो के लिये वक़्त भी दिया। मशीनो जैसी लाइफस्टाइल हो गई थी खासकर हम फिल्मी दुनिया के लोगो को छोटी सी छोटी बातो का ध्यान रखना पड़ता है। दिन रात इवेंट, शूटिंग और पार्टीज यह हमारी मजबूरी भी और जरूरत का हिस्सा भी होता है उसमे अपने लिये वक़्त निकालना बहुत ही मुश्किल हो जाता है फिर अपनो के लिये यो मानो सबसे बड़ा काम।    आज मुझे लगा मैं खास हूँ इस दुनिया मे जब मेरी माँ ने मेरी आरती उतारी, मुझे टीका लगाया और मेरे पिताजी और माँ दोनो ने प्यार किया मानो मेरा बचपन ही लौट आया हो। यह खुशी बिल्कुल अलग है हमेशा याद रहने वाली। घर मे माँ के हाथ से बना केक और ढ़ेरो प्यार यह सब भीड़भाड़ मे मुझसे दूर सा हो गया था पर आज सब मिला। बस मैं तो यही कहूँगी यह पल बहुत हसीन है मेरे लिये मुझे बस इनकी कैद मे रहने दो।     आपको बता दे की अभिनेत्री हर्षदा पाटिल का दबदबा उनके किरदार और खूबसूरती के कारण यूपी बिहार सहित उत्तर भारत मे बड़ा ज्यादा ह

मन के हारे हार है, मन के जीते जीत- वशिष्ठ कुमार गोयल

मन के हारे हार है मन के जीते जीत- वशिष्ठ कुमार गोयल लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया  गुरुग्राम । लॉक डाउन मे जहाँ हर कोई परेशान है वही नव जन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ठ गोयल ना सिर्फ सोहना क्षेत्र मे लोगो की मदद कर रहे है बल्कि सबका हौसला भी बढा रहे है। सामाजिक राजनीतिक महत्वाकांक्षा के धनी और व्यवसाय की बारीकियो को जानने समझने वाले जमीन से जुडे हुए होने के कारण आम जन मानस को खुद व मंच के साथियो के माध्यम से सबको जागरुक करने मे यह सहज व सरल दिखते है। इनका साफ साफ मानना है कि अब हम सबको कोरोना को दिनचर्या का हिस्सा मानकर सोशल डिस्टेंस बनाते हुए और मास्क का प्रयोग करते हुए अपने अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिये और वही हम सबको एक ताकत भी देगा और विश्व शक्ती बनने की राह पर अग्रसर भारत को नया आयाम भी। हम सब तो ग्रामीण और शहरी दोनो परिवेशो को जीवन शैली मे शामिल किये हुए लोग है तो हमको स्वदेशी और अपनी माटी का मान हमेशा ही रहा है और आज शायद सही वक़्त है जब आपसी महाभारत को खत्म कर हम सब आगे बढ़े और देश को एक नयी गति दे। नव जन चेतना मंच हमेशा अपनी मूल भाव मे लोगो को सचेत करने के साथ साथ उनकी सेवा और सहयोग मे जु

मेरी तो पूरी दुनिया माँ मे ही है-अभिनेत्री हर्षदा पाटिल

मेरी तो पूरी दुनिया माँ मे ही है-अभिनेत्री हर्षदा पाटिल विजय शुक्ल लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया पुणे/दिल्ली। कितना गज़ब का समय है आज हर कोई कैद मे हैं पर एक बात की खुशी है की हममे से ज्यादातर लोग आज अपने घरो मे पूरे परिवार के साथ हैं और माँ के आंचल के प्यार के तले भी। क्योकि एक माँ ही है जो हम सबका पहला कवच है और इतना मजबूत की वो हमे दुनिया की हर मुसीबत से बचा लेने मे समर्थ है। हां पापा की डाट से भी। दक्षिण भारतीय सिनेमा की जानी मानी हस्ती अभिनेत्री हर्षदा पाटिल ने जब यह कह्ते हुए अपने बचपन की बाते याद की तो बस मानो सच मे अपना बचपन भी याद आ गया। माँ का तो हर दिन है पर आज का दिन उनके लिये खास रखा गया है तो क्या मैं और आप आज के दिन माँ को माँ की तरह बनकर हम उनका ख्याल रख सकते है यह दिन, मेरा तो बड़ा मुश्किल हैं उनके जैसा फटाफट सब कुछ मेरे हिसाब से तैयार कर देना आपका तो पता नही। मैं तो जानती हूँ कि माँ जैसा कोई नही। पर मैं कोशिश करूंगी की माँ के संग यह बेहतरीन पल यादगार बना सकूं। इस लॉक डाउन मे बचपन की बातो को याद करती हर्षदा मानो एक नये आनंद को मह्सूस कर रही हो। उन्होने बताया कि  जब वो बचपन मे स

नही रहे इरफ़ान पर वो किरदार तो हमेशा जीवित रहेगा

नही रहे इरफ़ान पर वो किरदार तो हमेशा जीवित रहेगा   विजय शुक्ल लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया दिल्ली। हल्लौ भाईयो और बहनो मैं इरफ़ान आज मैं आपके बीच मे हूँ भी और नही भी..... जी हां यही थे इरफ़ान जीवट , बेबाक और हाजिरजबाब। यह सच है कि इरफ़ान नही रहे पर यह भी सच हैं कि उन्का किरदार हमेशा हमारे बीच जिन्दा रहेगा पान सिंह तोमर या इंग्लिश मीडियम के उस बाप के रूप मे। एक दिन पहले अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती कराए गए दिग्गज अभिनेता इरफान खान के बारे में बड़ी खबर उनके निधन की है। अभी हाल मे माँ के अन्तिम संस्कार मे शामिल भी नही हो पाये थे। फिल्म डायरेक्टर सुजीत सरकार ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि इरफान खान का निधन हो गया है। सुजीत सरकार ने लिखा ‘मेरे प्यारे दोस्त इरफान आप लड़ते रहे… लड़ते रहे और लड़ते रहे। मुझे हमेशा आप पर गर्व रहेगा और हम दोबारा मिलेंगे… श्रद्धांजलि’। इरफान खान के अचानक निधन से हर कोई शॉक में है। इरफान खान के फैंस से लेकर तमाम बॉलीवुड स्टार्स के एक एक कर रिएक्शन सामने आ रहे हैं। इरफान खान के जाने की खबर सुन कर करण जौहर ने भी ट्वीट किया है। करण जौहर ने अपने ट्वीट में लिखा- ‘श

कोरोना फोबिया मत पालो पालना है तो लोगो की मदद करते हुए लॉक डाउन मे घर पर रहने का शौक पालिये: अभिनेत्री हर्षदा पाटिल

कोरोना फोबिया मत पालो पालना है तो लोगो की मदद करते हुए लॉक डाउन मे घर पर रहने का शौक पालिये: अभिनेत्री हर्षदा पाटिल चुगलखोर रिपोर्टरनी लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया  दिल्ली। कोरोना मे यह होगा कोरोना मे वह होगा, ऐसा ना करो वैसा ना करो....पक गये होगे आप भी सुन सुनकर। मैं तो बस यह जानती हूँ कि बीस सैकेण्ड तक हैंड वाश और दो गज की दूरी के साथ साथ मास्क जरूरी और सेनिटाइज़ हो हाथ जब कुछ जरूरी हो लेना साथ। जब यह सब पता है तो मैं घर पर अपने बिंदास अपने काम कर रही हो और आप भी करो। सड़क पर निकलकर कोरोना को घर क्यो लाना। अभिनेत्री हर्षदा पाटिल की यह बात सुनते ही मानो मोदी जी का चेहरा याद आ जाता है और हां एक बात आपको शायद पता नही होगा पर हर्षदा पाटिल चुपके चुपके डान्स भी सीख लेती हैं ऑनलाइन और तो और योगा और सूर्य प्रणाम भी। हां बस एक ही तो कमजोरी है इस हमारी खूबसुरत हीरोइन की वो यह की यह फिल्मी वुमनिया जब भूख लग जाती है तब तो मानो कहर ढ़ा देती है। वैसे खाना यह खुद भी अच्छा बनाती हैं आजकल लॉक डाउन मे तो अपना सारा काम यही कर रही है और जैसा मेरी सहेलियो ने मेरे को बताया रे बाबा यह हर्षदा पाटिल बहुत बड़ी हीरोइन ह

आधी आबादी संग , लाडो फिर दंगल मे 

आधी आबादी संग , लाडो फिर दंगल मे  लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया कुरुक्षेत्र। डाउन के दौरान डॉ संतोष दहिया ने महिलाओं को दिया एक नया मंच। अपने घरों में सुरक्षित बैठी महिलाओ को व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़कर उनकी प्रतिभा को एक मंच दिया जिसमें महिलाएं अपने मन की बात सांझी कर रही है।  महिला खाप महापंचायत की पहली राष्ट्रिय अध्यक्ष एवं राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित डॉ संतोष दहिया ने  अखिल भारतीय महिला शक्ति मंच, महिला शक्ति मंच नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाए है जिनमे देश के कोने कोने से केवल महिलाओं को जोड़ा गया है। जिनमें महिलाएं जी भर कर मन की बात कर रही हैं और अपने हुनर को भी सभी महिलाओं के साथ शेयर कर रही हैं। महिला का जीवन की दिनचर्या बहुत ही व्यस्त रहती है उसे खुद की प्रतिभा को निखारने का मौका ही नहीं मिलता वह परिवार में लगी रहती है। आजकल कोरोना के कहर ने हर किसी को घर की चारदीवारी में कैद कर दिया है जिससे हर व्यक्ति खुद को असहाय सा महसूस कर रहा है और कोरोना का भय उनके अंदर घर कर रहा है जिससे उबारने के लिए डॉ संतोष दहिया ने महिलाओं को अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए मंच दिया है जिसमें हर रोज एक टॉपिक दिया

WORLD HEALTH DAY पर नो प्लास्टिक यूज़ की शपथ के साथ साथ हर साल अन्तिम सांस तक एक पौधा कम से कम लगाने की अभिनेत्री हर्षदा पाटिल की मुहिम

WORLD HEALTH DAY पर नो प्लास्टिक यूज़ की शपथ के साथ साथ हर साल अन्तिम सांस तक एक पौधा कम से कम लगाने की अभिनेत्री हर्षदा पाटिल की मुहिम लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया मुम्बई । लॉक डाउन मे सब कुछ तो लॉक नही है जैसे यह खुला आसमान यह मस्त हवाए और यह हसीन धरा....झूमती हुई हर्षदा पाटिल का यह अंदाज कमाल का लगा वर्ल्ड अर्थ डे पर। कहते है कुछ लोग खास होते है जिनके दिलो मे दुनिया की फिक्र, अपनो का प्यार और अपने किरदार की अहमियत वाली जिम्मेदारी निभाने का जज्बा होता है उनमे से एक हैं माराठी फिल्मो की मराठी बाला(अरे भाई वो आयुष्मान खुराना वाली बाला नही बोले तो मराठी मुलगी) लेडी सिंघम और दक्षिणी भारत की खूबसूरत अदाकारा हर्षदा पाटिल अरे वही पैडमैन मे अक्षय कुमार के साथ वाली हसीन अभिनेत्री । अभिनेत्री हर्षदा पाटिल ने अपने फैन्स को एक चैलेंज क्या दिया कि आने वाली एक मई से एक पेड़ जरूर लगाये और प्लास्टिक यूज़ से दूरी बनाये का जबरदस्त असर दिखाई दिया। हैं ना कमाल की बात। हर्षदा पाटिल ने अपने एक वीडियो संदेश मे बोला की एक पेड़ लगाने की यह मुहिम दरअसल आने वाले समय मे अपने और अपने परिवार के साथ साथ इस दुनिया वालो के लिय

रसीले आम की मौज उड़ाती अभिनेत्री हर्षदा पाटिल ने किया लॉक डाउन मे आम्रस्वाद की मस्ती को अनलॉक

रसीले आम की मौज उड़ाती अभिनेत्री हर्षदा पाटिल ने किया लॉक डाउन मे आम्रस्वाद की मस्ती को अनलॉक    लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया   मुम्बई । लॉक डाउन 2.0 जहां मुम्बई मे बांद्रा मे भीड को अफवाह मे उड़ाती एक घटना खास हो रही है और लॉक डाउन की धज्जियां उडाते हुए इसको आम बना रही है तो वही दूसरी ओर आम के रसास्वादन से इसको अनलॉक कर अभिनेत्री हर्षदा पाटिल ने इसको खास बना दिया। अभी कुछ दिनो से यह खास खूबसूरत तेईस साल वाली लेडी सिंघम कुछ खास स्क्रिप्ट पर समय बिता रही है और दक्षिण भारत के बड़े  अभिनेताओं  के साथ साथ हिन्दी फिल्म के अक्षय कुमार के साथ काम करने के बाद अब इनकी नजर अजय देवगन के साथ मूवी करने पर है।   इस हसीना मे एक ओर हेमामालिनी की अदा है जो इनके आम चूसने के अंदाज से आपको समझ मे आ ही जाएगा की यह कभी श्रीदेवी तो कभी रेखा जैसी झलक दे जाती है पर अगर किसी ने ध्यान से देखा हो तो हर्षदा पाटिल को अभिनय के साथ साथ देश दुनिया के लोगो के बारे मे भी चिंता है। तभी तो वो पीएम केयर से लेकर अपने स्तर पर समाज की मदद के लिये आगे आती है।   पर कोरोना की कैद मे हर्षदा पाटिल ना जाने कैसे इतने रसीले आमो का जुगाड कर ले

जमीन के दिल की धड़कनो को सुने, वह आपको स्वस्थ, प्रसन्न और शांत रखेगी – दीपक अग्रवाल

जमीन की आवाज सुनें, वह आपको स्वस्थ, प्रसन्न और शांत रखेगी – दीपक अग्रवाल लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया मुम्बई। कोरोना महामारी के दौर में पारिवारिक और सामाजिक महामारी की चपेट में भी देश आया हुआ है। ऐसे में “ लैंड जेनेटिक्स” के प्रणेता दीपक अग्रवाल से हमने काफी सारे सवालों के उत्तर लिए ताकि आप, परिवार, और समाज स्वस्थ रह सकें।  देश का हर नागरिक 21 दिनों के लिए अपने घर में बंद रह चुका है। राष्ट्रपति से लेकर आम नागरिक तक घरों के बाहर नहीं निकल सकते क्योंकि कोरोना की महामारी से बचाव का सबसे अच्छा यही तरीका है।  लॉकडाऊन की मियाद सरकार ने 15 दिनों के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह संभावना भी दिख रही है कि लॉकडाऊन काल पूरा होने के बाद भी एक या दो सप्ताह के लिए और बढ़ाने पर सरकार विचार करे। हालात के मुताबिक यह निर्णय केंद्र एवं राज्य सरकार मिल कर लेंगे।  अब पूरा देश 21 दिन के लॉकडाऊन समाप्त होने का इंतजार कर रहा था, लॉकडाऊन बढ़ने के कारण सबको धैर्य रखते हुए, शांतचित्त रहते हुए, पारिवारिक समन्वय और स्वास्थ अच्छे से संभालते हुए आजीवन पूंजी बनाना होगा।  लॉकडाऊन के कारण एक तरफ जहां प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक औ

मैं भी भूखा ना रहूँ कोई और ना भूखा जाय मुहिम को मिला जोगिंदर नागर , चरतराम बरसीवाल , विजय राजौरा व जेडी मीट वाले धीरज सरीखे समाजसेवी व्यक्तित्व साथियो का साथ

मैं भी भूखा ना रहूँ कोई और ना भूखा जाय मुहिम को मिला जोगिंदर नागर , चरतराम बरसीवाल , विजय राजौरा व जेडी मीट वाले धीरज सरीखे समाजसेवी व्यक्तित्व साथियो का साथ लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया दिल्ली। आज जब पूरा देश कोरोना की कैद मे मे है और कई कामगार, ग्रामीण मजदूर और जरूरतमंद लोग कोरोना की मौत की डर से कम भूख से मरने के खौफ मे जिन्दा है और कुछ तो पेट और मजबूरी के कारण अपने अपने शहर की तरफ पैदल ही निकल पड़े है बिना पैसे बिना खाने का सामान लिये हुए बन्जारो की तरह। सरकार और प्रशासन अपनी अपनी कागजी कार्रवाई मे सिमटा हुआ है तो समाज अपने नैतिक मूल्यो के साथ सड़क पर है इस महामारी से उनको बचाने के लिये जो कोरोना योद्धा जैसा धर्म निभा रहे है तो कुछ ऐसे जो कई दिनो से अन्न के दर्शन के बिना जी रहे है। ऐसे मे हमारी मुहिम जो अपने रिपोर्टर्स, पाठक और मित्रो के दम पर शुरु की गई आज लाखो लोगो की पेट की आग को शान्त कर रही है और उसको जेडी मीट के युवा नेकदिल इन्सान धीरज की मदद मिली तो सबका हौसला मुम्बई तक लोगो की मदद को पहुंच गया और आज उसको और बल मिला साथी जोगिंदर नागर, चरत राम बरसीवाल और विजय रजौरा के आर्थिक भागी

शाबाश कैनविन एनजीओ! कर्मचारियों को डबल वेतन देने के लिये

शाबाश कैनविन एनजीओ! कर्मचारियों को डबल वेतन देने के लिये चिकित्सा के क्षेत्र में काम करती है यह संस्था कोरोना काल में चिकित्सा के साथ खाने का भी शुरू किया है काम देश की बड़ी कंपनियों के सामने मिसाल बनी कैनविन एनजीओ लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया गुरुग्राम। कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध के बाद भी बड़ी-बड़ी कंपनियां श्रमिकों को छुट्टियों के दौरान वेतन देने से अपने हाथ पीछे खींच रही हैं, वहीं गुरुग्राम की एक एनजीओ ने अपने यहां काम करने वालों को दुगुना वेतन देकर मिसाल कायम की है। यह एक नई शुरूआत है। औरों को भी इससे प्रेरणा लेकर इसका अनुसरण करना चाहिए। कोरोना संक्रमण के इस दौर में लॉकडाउन के पहले दिन से ही जनसेवा को मैदान में उतरी कैनविन संस्था ने घोषणा की है कि पहले दिन से लेकर जब तक कोरोना के चलते लॉकडाउन रहेगा, वह अपने यहां काम करने वाले हर कर्मचारी को दुगुना वेतन देगी। कैनविन के संस्थापक डीपी गोयल ने यह घोषणा करते हुए कहा कि आज कोरोना संकट के बीच हर सरकारी कर्मचारी, प्राइवेट कर्मचारी अपनी जान की परवाह न करते हुए जनसेवा में जुटा है। इसलिए उन्होंने निर्णय लिया कि वे अपनी संस्

पेशे से डॉक्टर पर अपने क्लब के साथ मिलकर गुरुद्वारे के द्वारा 1500 लोगो के सप्ताह भर का भोजन का इन्तजाम कर रहे डॉक्टर अन्केश साहेत्या 

पेशे से डॉक्टर पर अपने क्लब के साथ मिलकर गुरुद्वारे के द्वारा 1500 लोगो के सप्ताह भर का भोजन का इन्तजाम कर रहे डॉक्टर अन्केश साहेत्या  लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया दिल्ली/मुम्बई। आज जब कोरोना की कैद मे पूरी दुनिया है और भारत की बात करे तो सबसे ज्यादा कोरोना का कहर देश की माया नगरी मे पड़ा है और यहा मुम्बईकर की जिन्दगी थम सी गई है। और शायद तेज भागने वाली मुम्बई ने बारिश मे भी ऐसा तांडव नही देखा होगा यह शायद मुम्बई बम ब्लास्ट के बाद की सबसे भयावह समय है इस कोरोना आतंक का। पर ऐसे मे बांद्रा का स्लम हो या मुम्बई मे और जगह जहां जरूरतमंद मदद का इंतजार कर रहे है वहां डॉक्टर अन्केश साहेत्या अपने साथियो और क्लब की मदद से खाने की व्यवस्था के लिये आर्थिक सहयोग कर रहे है। यह डॉक्टर का दूसरा रूप है एक तरफ सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए फोन और वीडियो कॉल पर अपने मरीजो को सलाह और दवाईया बता रहे है तो दूसरी तरफ खुद सबका साथ लेकर इस समय कोरोना को हराने के लिये कोई भूख से ना हार जाय उसके लिये समाज मे आगे बढ़ कर हिस्सा ले रहे है। समाज अगर साथ हो तो कोरोना का याह आतंक अपने आप खत्म हो जाएग। वैसे इस समय मुम्बई के स

अभिनय के साथ साथ समाज की जिम्मेदारी भी समझती है अभिनेत्री हर्षदा पाटिल

अभिनय के साथ साथ समाज की जिम्मेदारी भी समझती है अभिनेत्री हर्षदा पाटिल   लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया   मुम्बई। कहते है अच्छी आदतो की वजह से खूबसुरती मे चार चाँद लग जाते है और जिसकी अदा और काया मे पहले ही चांदनी बोले तो श्रीदेवी जैसी झलक हो और अदाओ मे स्मिता पाटिल और रेखा जैसी बारीकियो के मोती जडे हो ऐसी लेडी सिंघम के नाम से मराठी बाला हर्षदा पाटिल का भूखो को भोजन कराने की मुहिम मे आगे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना इस बात का गवाह है कि अभिनय के अलावा हर्षदा पाटिल के दिल मे समाज के लोगो को लेकर कैसी चेतना है।   आपको पता है कि कोरोना की कैद मे जहां एक ओर सब लोग घरो मे बैठकर लॉक डाउन मे है और सलमान खान, अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन जैसे सितारे मजदूरो और कामगारो को भोजन करा और आर्थिक सहयोग दे रहे है   वही दक्षिण भारत की बेहतरीन अदाकारा और अक्षय कुमार की पैडमैन मे काम कर चुकी हर्षदा पाटिल का यह नेकदिल कदम काबिले तारीफ है। यही जज्बा भारत की कोरोना पर जीत का पहला परिणाम है

वरिष्ठ पत्रकार उदय सिन्हा नहीं रहे

वरिष्ठ पत्रकार उदय सिन्हा नहीं रहे लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार उदय सिन्हा नहीं रहे .वे बासठ वर्ष के थे .पिछले कुछ समय से वे बीमार थे .आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली .उदय सिन्हा हिंदू ,दैनिक भास्कर, द पायनियर, सहारा समय, हरिभूमि और नॉर्थ ईस्ट टाइम जैसे अनेक हिंदी व अंग्रेजी अखबारों के संपादक तो रहे ही, टेलीविजन चैनल -'चैनल वन' के संपादक व एडवाइजर भी रहे.वे ऐसे पहले हिंदी संपादक रहे, जिनको अमरीकी राष्ट्रपति ने साक्षात्कार देने हेतु व्हाइट हाउस आमंत्रित किया था .वे अपने पीछे पत्नी ,दो पुत्र छोड़ गए।